योगी सरकार ने रद्द की कांवड़ यात्रा, केन्द्र के साथ ही सुप्रीमकोर्ट ने भी जताया था ऐतराज़

0
218

लखनऊ। कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार ने कांवड़ संघों से बातचीत कर फैसला लिया है कि इस साल भी कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को कांवड़ यात्रा के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बातचीत करने के निर्देश दिए थे।

गौरतलब है कि पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी। इस बार भी सरकार ने संघों की सहमति से ही यह फैसला लिया है। हालांकि, यूपी सरकार चाहती थी कि इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध न लगे। बल्कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रा निकाली जाए। मगर उत्तराखंड सरकार ने बाहर से आने वाले कांवड़ियों के राज्य में प्रवेश पर रोक लगा दी।

वहीं यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर पहले अनुमति दे दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतरू संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 19 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि एक बात पूरी तरह से साफ है कि हम कोविड के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा में लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते। हम सभी भारत के नागरिक हैं। यह स्वत: संज्ञान मामला इसलिए लिया गया है क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है। यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि क्या प्रत्यक्ष रूप से कांवड़ यात्रा आयोजित करने पर पुनर्विचार किया जा सकता है, इस पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने सकारात्मक उत्तर दिया था और 19 जुलाई तक अतिरिक्त हलफनामा जमा करने के लिए समय मांगा था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here