सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी पिछले चुनाव में मामूली हार जीत वाली यह सीटें

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देहरादून। प्रदेश में 14 फरवरी को हुए मतदान के बाद सभी दल अपनी अपनी जीत वाले संभावित क्षेत्रों के गुणा गणित में जुटे हुए हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में उनकी सबसे ज्यादा चिंता 2017 के चुनाव में पांच हज़ार से कम के अंतर से हार जीत वाली दो दर्जन सीटों को लेकर है।

प्रदेश के दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस इस आकलन में लगे हैं कि इन सीटों पर ऊंट किस करवट बैठेगा। इस बार इनमें से जहां 12 सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है वहीं 12 सीटों पर मत प्रतिशत घटा है। ऐसे में राजनीतिक दल इस बात का आकलन भी कर रहे हैं कि मामूली अंतर से हार जीत वाली इन सीटों पर इसका कितना असर पड़ेगा। दिलचस्प बात यह है कि हार जीत के कम अंतर वाली इन सीटों पर ज्यादातर त्रिकोणीय मुकाबला देखने में आया है पिछली बार विधानसभा चुनाव में इन 24 सीटों में से 14 सीटें भाजपा ने 8 सीटें कांग्रेस में और 2 सीटें निर्दलीयों ने जीती थी।

देखें किस सीट पर किया रहे थे समीकरण
केदारनाथ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के मनोज रावत ने निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत को 869 वोटों के मामूली अंतर से हराया था। तीसरे नंबर पर आशा नौटियाल और भाजपा प्रत्याशी शैला रानी रावत चौथे नंबर पर रही थी। इस बार आशा नौटियाल चुनाव नहीं लडी और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी शैला रानी रावत के साथ मिलकर भाजपा के लिए काम किया है। इस सीट पर मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत भाजपा की शैला रानी एवं निर्दलीय कुलदीप रावत के बीच है।

इसी प्रकार नरेंद्र नगर में भाजपा के सुबोध उनियाल ने निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत को 3499 वोटों के अंतर से हराया था कांग्रेस के हिमांशु बिजलवान इस सीट पर तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार ओम गोपाल रावत कांग्रेस से तो सुबोध उनियाल भाजपा प्रत्याशी के रूप में लड़ रहे हैं। इस सीट पर दोनों के बीच सीधी टक्कर हैं।

प्रताप नगर में भाजपा के विजय पवार उर्फ गुड्डू पंवार ने कांग्रेस के विक्रम सिंह नेगी को 1939 वोटों से हराकर यह सीट जीती थी। जबकि निर्दलीय राजेश्वर पैन्यूली 5594 एवं मुरारीलाल खंडवाल 3774 वोट पाकर तीसरे एवं चौथे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में राजेश्वर पैन्यूली भाजपा प्रत्याशी गुड्डू पंवार और मुरारी लाल कांग्रेस प्रत्याशी के साथ खड़े हैं। मुकाबला एक बार फिर गुड्डू पंवार और विक्रम नेगी के बीच ही देखने को मिला है।

धनोल्टी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी प्रीतम सिंह पंवार ने भाजपा के नारायण सिंह राणा को 1615 वोटों के अंतर से हराया था यहां कांग्रेस के मनमोहन मल्ल 12193 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार प्रीतम पंवार को भाजपा ने टिकट दिया है और जोत सिंह बिष्ट कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं भाजपा से बगावत कर महावीर रांगड निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।

चकराता में कांग्रेस के प्रीतम सिंह ने भाजपा प्रत्याशी मधु चौहान को मात्र 1543 वोटों के अंतर से हराया था। निर्दलीय प्रत्याशी दौलत कुंवर 2375 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। संभवत यह पहला चुनाव है जब इस सीट पर मधु चौहान या उनके पति मुन्ना सिंह चौहान चुनावी मैदान में नहीं रहे। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह के सामने भाजपा ने गायक जुबिन नौटियाल के पिता राम शरण नौटियाल पर दांव लगाया है। संभवत इसी नाराजगी के चलते मधु चौहान या उनके पति मुन्ना सिंह चौहान चुनाव के दौरान चकराता नहीं गए। जिस कारण इस सीट पर मामला कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह के पक्ष में एकतरफा दिख रहा है।

हरिद्वार जिले की ज्वालापुर सीट पर भाजपा के सुरेश राठौर ने 4788 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी एसपी सिंह इंजीनियर को मात दी थी। यहां बसपा के मुल्की राज सैनी 19483 वोट लेकर तीसरे स्थान तो निर्दलीय ब्रज रानी 9338 वोट लेकर चौथे स्थान पर रही थी। इस बार चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से चुनाव लड़े एसपी सिंह इंजीनियर इस सीट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।

भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी ममता राकेश ने अपने सगे देवर भाजपा प्रत्याशी सुबोध राकेश को 2513 वोटों से मात दी थी। इस बार सुबोध राकेश भाजपा छोड़कर बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। मुकाबला एक बार फिर देवर भाभी के बीच में ही हो रहा है। भाजपा इस सीट पर पिछड़ कर तीसरे स्थान पर पहुंच गई हैं।

झबरेड़ा में भाजपा के देशराज कर्णवाल ने काग्रेस प्रत्याशी रहे राजपाल सिंह को 2253 वोटों से हराया था। यहां बसपा के भगवत सिंह 20668 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार भाजपा ने देशराज कर्णवाल का टिकट काटकर कांग्रेस से पिछला चुनाव लड़े राजपाल सिंह को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने इस सीट पर पूर्व विधायक हरिदास के पुत्र आदित्य बृजलाल को प्रत्याशी बनाया है जिसके चलते इस सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

पिरान कलियर में कांग्रेस प्रत्याशी रहे फुरकान अहमद ने भाजपा के जय भगवान सैनी को 1359 वोटों से मात दी थी। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े पूर्व विधायक मोहम्मद शहजाद ने 23843 वोट लेकर उस समय मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया था। इस बार बसपा ने मोहम्मद शहजाद को लक्सर विधानसभा सीट से टिकट दिया है जिसका सीधा फायदा कांग्रेस प्रत्याशी को होगा। यहां कांग्रेस एवं भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।

लक्सर सीट पर भाजपा के संजय गुप्ता ने 1604 में वोटों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व विधायक हाजी तस्लीम अहमद को हराया था। बसपा ने उस समय सुभाष चौधरी को टिकट दिया था जो 19656 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी संजय गुप्ता एवं बसपा से मोहम्मद शहजाद के बीच सीधा मुकाबला है। इस सीट से चुनाव लड़े भाजपा प्रत्याशी संजय गुप्ता ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर भितराघात कर उन्हें चुनाव हरवाने के लिए काम करने का आरोप लगाया है।

धारचूला सीट एक ऐसी सीट है जिस पर भाजपा आज तक अपना परचम नही लहरा नहीं पाई है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरीश सिंह धामी ने भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र पाल सिंह को 3085 वोटों से मात दी थी। इस बार भी इस सीट पर मुकाबला कांग्रेस एवं भाजपा के बीच ही देखने को मिलेगा।

डीडीहाट विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी रहे बिशन सिंह चुफाल ने निर्दलीय प्रत्याशी किशन भंडारी को 2368 वोटों के अंतर से हराया था। यहां कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप सिंह पाल तीसरे नंबर पर तो यूकेडी के काशी सिंह ऐरी 2846 वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे थे। इस सीट पर इस बार भी मुकाबला कांग्रेस भाजपा एवं निर्दलीय प्रत्याशी किशन भंडारी के बीच रहेगा।

पिथौरागढ़ में भाजपा के प्रकाश पंत ने कांग्रेस के मयूख महर को 2684 वोटों के अंतर से हराया था। प्रकाश पंत के निधन के बाद हुए उपचुनाव में स्वर्गीय प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत में जीत हासिल की थी। इस बार फिर मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी मयूख महर एवं चंद्रा पंत के बीच है।

गंगोलीहाट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की मीना गंगोला ने कांग्रेस प्रत्याशी नारायण राम आर्य को 805 वोटों से हराया था यहां निर्दलीय प्रत्याशी खजान चंद्र 10621 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे कांग्रेस ने इस बार खजान गुड्डु को मैदान में उतारा है। जिसके बाद इस सीट पर कांग्रेस एवं भाजपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला है।

सल्ट विधानसभा सीट पर भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना ने कांग्रेस की गंगा पंचोली को 2904 वोटों से हराया था। कांग्रेस ने इस बार गंगा पंचोली का टिकट काट कद्दावर नेता रंजीत रावत को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने महेश जीना को टिकट दिया है। इस सीट पर कांग्रेस एवं भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।

रानीखेत में कांग्रेस के करन महरा ने भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट को 4981 वोटों से हराया था। यहां भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे प्रमोद नैनवाल ने 5681 लेकर कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस बार भाजपा ने निर्दलीय प्रत्याशी रहे प्रमोद नैनवाल को कांग्रेस प्रत्याशी करण मेहरा के खिलाफ मैदान में उतारा है। इस सीट पर भी कांग्रेस भाजपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला है। सोमेश्वर में भाजपा प्रत्याशी रेखा आर्य ने कांग्रेस के राजेंद्र बाराकोटी को 710 वोटों के मामूली अंतर से हराया था जबकि आश्चर्यजनक रूप से इस सीट पर 1084 वोट लेकर नोटा तीसरे स्थान पर रहा था। यहाँ भी मुकाबला कांग्रेस एवं भाजपा के बीच है।

जागेश्वर में कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल ने भाजपा प्रत्याशी सुभाष पांडे को मात्र 399 वोटों के मामूली अंतर से हराया था। बसपा के तारा दत्त पांडे ने 1336 वोट लेकर भाजपा की हार में बड़ी भूमिका निभाई थी। कुंजवाल पूरे प्रदेश में सबसे कम अंतर से जीतने वाले विधायक रहे। भाजपा इस सीट पर भी कभी नहीं जीत पाई है। इस बार भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी कुंजवाल के खिलाफ मोहन महरा को चुनावी मैदान में उतारा है। इस बार यहां मुकाबला सीधे तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सिमट गया है।

लोहाघाट में भाजपा के पूरन सिंह फर्त्याल ने कांग्रेस के खुशाल सिंह अधिकारी को 834 वोट से हराया। 1256 वोट के साथ नोटा तीसरे स्थान पर रहा। इस बार भी दोनों आमने सामने हैँ

भीमताल में निर्दलीय राम सिंह कैड़ा ने भाजपा के गोविंद सिंह बिष्ट को 3446 वोट से हराया। कांग्रेस के दान सिंह भंडारी 14702 मत और बसपा के तारा दत्त पांडे 8402 मतों के साथ तीसरे व चौथे स्थान पर रहे। इस बार कैड़ा भाजपा से तो दान सिंह कांग्रेस से मुकाबले मे हैं।

किच्छा में भाजपा के राजेश शुक्ला ने कांग्रेस के तत्कालीन सीएम हरीश रावत को 2127 मतों से हराया। यहां बसपा के राजेश प्रताप सिंह 7754 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इस बार भाजपा के राजेश शुक्ला का मुकाबला कांग्रेस के तिलक राज बेहड से है।

खटीमा में मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 2709 मतों से पराजित किया। यहां बसपा के रमेश चंद्र राणा 17804, निर्दलीय ललित सिंह 4452 मतों के साथ चौथे व पांचवें स्थान पर रहे। यहां नोटा 890 वोट के साथ छठे स्थान पर रहा। इस सीट पर इस बार भी धामी और कापड़ी आमने सामने हैं।

जीत का अंतर– विस सीटों की संख्या
1000 से नीचे 05
2000 से नीचे 05
3000 से नीचे 08
4000 से नीचे 03
5000 से नीचे 03

इन 12 सीटों पर बढ़ा मतदान प्रतिशत

विस सीट 2022 2017
केदारनाथ 66.43 65.77
देवप्रयाग 54.94 53.29
धनौल्टी 65.89 64.44
झबरेड़ा 78.42 76.32
धारचूला 62.74 62.41
डीडीहाट 64.01 61.11
गंगोलीहाट 55.39 54.92
रानीखेत 51.80 51.77
सोमेश्वर 56.92 53.88
लोहाघाट 58.96 57.09
भीमताल 65.44 63.48
खटीमा 76.63 76.48

इन 12 सीटों पर घटा मतदान प्रतिशत

विस सीट 2022 2017
नरेंद्रनगर 62.18 62.25
प्रतापनगर 49.99 51.24
चकराता 68.24 72.70
ज्वालापुर 79.35 79.89
भगवानपुर 79.92 80.03
पिरान कलियर77.44 81.60
मंगलौर 75.95 78.29
लक्सर 79.51 81.76
पिथौरागढ़ 62.15 62.61
सल्ट 45.92 46.01
जागेश्वर 56.07 56.50
किच्छा 71.66 73.38

वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द शेखर से साभार

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