उद्धव को राहत या शिंदे को झटका, महाराष्ट्र की सियासत में खास हो सकता है आज का दिन

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सियासत में आज का दिन अहम हो सकता है। उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच जारी तनाव में महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। शिवसेना द्वारा करीब 16 विधायकों को सदस्यता रद्द करके की याचिका डिप्टी स्पीकर के पास है। ऐसे में अगर शनिवार को डिप्टी स्पीकर महाराष्ट्र की राजनीति में कोई फैसला लेते हैं तो एकनाथ शिंदे खेमे के लिए बड़ा झटका हो सकता है। इससे पहले डिप्टी स्पीकर ने अनिल चौधरी को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता देकर शिंदे खेमे को बड़ा झटका दे चुके हैं।

रद्द हो सकती है 16 विधायकों की सदस्यता

शिवसेना ने अपने 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की याचिका डिप्टी स्पीकर को भेजी है। अगर डिप्टी स्पीकर इस फैसले पर विचार करते हैं तो एकनाथ शिंदे के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। डिप्टी स्पीकर एनसीपी के विधायक हैं और एनसीपी चीफ शरद पवार ने साफ किया है कि महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम में उनकी पार्टी उद्धव ठाकरे के साथ खड़ी है।

डिप्टी स्पीकर को हटाने की मांग

वहीं, एकनाथ शिंदे कैंप के विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने की मांग कि है। शिंदे गुट का कहना है कि डिप्टी स्पीकर मनमर्जी से फैसले ले सकते हैं। जब शिवसेना के सबसे ज्यादा विधायक हमारे साथ हैं तो वो कैसे किसी दूसरे नेता को शिवसेना के विधायक दल का नेता होने की मान्यता दे सकते हैं।

यदि डिप्टी स्पीकर फ्लोर टेस्ट के लिए आदेश देते हैं तो एकनाथ शिंदे खेमे के लिए और भी मुश्किलें हो सकती हैं, क्योंकि फ्लोर टेस्ट के आदेश के बाद पार्टी द्वारा व्हिप जारी किया जाएगा। डिप्टी स्पीकर ने सुनील प्रभु को शिवसेना के चीफ व्हीप की मान्यता दी है। चीफ व्हीप फ्लोर टेस्ट कराने की स्थिति में विधायकों के लिए व्हिप जारी करेगा और ऐसे में कोई विधायक व्हिप का पालन नहीं करता है तो उसकी विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। हालांकि इस मामले में दोनों ही गुट के नेताओं के पास कानूनी विकल्प खुले हुए हैं।

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