देश के लिए अत्यंत दुखद खबर: नही रहे CDS बिपिन रावत, पत्नी समेत 13 का निधन

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नई दिल्ली।(एजेंसी)
तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को ले जा रहा भारतीय वायुसेना का MI-17V5 हेलीकॉप्टर बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे। भारतीय वायुसेना के मुताबिक सीडीएस रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों का निधन हो गया है, जबकि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वायुसेना ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

पत्नी मधुलिका रावत के साथ जनरल रावत। फाईल फोटो

वायुसेना ने ट्वीट कर लिखा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत आज नीलगिरी हिल्स के दौरे पर थे। वहां पर उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। जिसमें जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य 13 की मौत हो गई।

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे बिपिन रावत के पिता लक्ष्मण सिंह रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे। उन्होंने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़गवासला से पढ़ाई की है। दिसंबर 1978 में उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी से गोरखा रायफल्स की 5वीं बटालियन में नियुक्ति मिली थी। यहां उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न ट्वीट कर लिखा कि जनरल बिपिन रावत एक उत्कृष्ट सैनिक थे। एक सच्चे देशभक्त, उन्होंने हमारे सशस्त्र बलों और सुरक्षा तंत्र के आधुनिकीकरण में बहुत योगदान दिया। रणनीतिक मामलों पर उनकी अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण असाधारण थे। उनके निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। ॐ शांति।
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि देश के लिए एक बहुत ही दुखद दिन क्योंकि हमने अपने सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी को एक बहुत ही दुखद दुर्घटना में खो दिया है। वो सबसे बहादुर सैनिकों में से एक थे, जिन्होंने अत्यंत भक्ति के साथ मातृभूमि की सेवा की है। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि तमिलनाडु में आज एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य के निधन से गहरा दुख हुआ। उनका असामयिक निधन हमारे सशस्त्र बलों और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। रक्षामंत्री ने आगे लिखा कि जनरल रावत ने असाधारण साहस और लगन से देश की सेवा की थी। पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में उन्होंने हमारे सशस्त्र बलों की संयुक्तता की योजना तैयार की थी।

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