देहरादून में 40 बीघा जमीन का बड़ा भूमि घोटाला, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

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आपदा प्रबंधन विभाग की करोड़ों की 40 बीघा सरकारी जमीन भू माफिया ने बेच डाली

देहरादून। राजधानी देहरादून में 40 बीघा जमीन का एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है जिसमें भू माफियाओं ने उक्त जमीन को खुर्दपुर कर डाला। वर्ष 2011 में आपदा प्रबंधन विभाग को झाझरा, सुद्धोवाला में आवंटित जमीन में मकान बनने के साथ ही गैस गोदाम बन गया। यही नहीं, निजी बोरवेल तक खुद गया। कब्जा कर प्लाट बेचने का काम लगातार जारी है। आपदा प्रबंधन विभाग, शासन व राजस्व विभाग की भूमिका पर कई सवाल उठ रहे हैं। भू माफिया ने सरकारी जमीन बेच दी। भाजपा नेता रविन्द्र जुगरान ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आपदा प्रबन्धन विभाग में हुए बड़े जमीन घोटाले की आशंका की शिकायत करते हुये इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है। मुख्यमंत्री ने मुख्यसचिव को दिये तत्काल जाँच करने के निर्देश दे दिए हैं ।

रविन्द्र जुगरान ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग को वर्ष 2011 में 70 बीघा (5.29 हे०) भूमि झाझरा सुद्धोवाला में आवंटित की गयी थी, जिसमें से 10 बीघा भूमि आपदा प्रबंधन विभाग ने NDRF (National Disaster Response Force) को हस्तांतरित कर दी थी और शेष 60 बीघा भूमि अपने पास रखी थी। जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि शेष बची 60 बीघा भूमि में से लगभग 40 बीघा भूमि पर इन 11 वर्षों में लोगों ने अवैध कब्ज़ा करके अवैध निर्माण कर दिये हैं, लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग और राजस्व विभाग मूकदर्शक बने रहे। जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग और राजस्व विभाग की सहमति के बिना इस सरकारी भूमि पर अवैध कब्ज़ा करना व अवैध निर्माण करना कैसे संभव है।

रविन्द्र जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि बड़ी हैरानी की बात है कि आपदा प्रबंधन विभाग को आवंटित इस भूमि पर अभी भी लगातार अवैध कब्जे हो रहे हैं और लोगों द्वारा इस भूमि पर अपने निजी आवास बना लिये गये हैं, ये सभी आवास भूमि आवंटन के बाद बनाए गये हैं। सरकारी भूमि पर निजी आवास कैसे बना दिये गये, आपदा प्रबंधन विभाग ने इस पर आपत्ति क्यों नहीं की। इस भूमि पर अवैध प्लाटिंग भी की गयी है जिसमें लोगों ने अपने अपने कब्जा किये गये प्लाट् पर चारदीवारी भी बना दी। इस भूमि पर अवैध कब्ज़ा करके एक गैस एजेंसी का गोदाम भी बनाया गया है, इसमें गैस गोदाम बनाने की अनुमति किसने और कैसे दे दी। जुगरान ने कहा कि इस भूमि पर एक निजी बोरवेल भी खुदवाया गया है जिसमें सबमर्सिबल पंप लगाकर पानी की सप्लाई की जा रही है, यह जाँच की जानी चाहिये कि यह बोरवेल किसकी अनुमति से खुदवाया गया है। सरकारी भूमि पर बिना अनुमति के बोरवेल कैसे खुदवा दिया गया, आपदा प्रबंधन विभाग ने इसमें आपत्ति क्यों नहीं की।

आपदा विभाग द्वारा इन 11 वर्षों में इस भूमि का किसी भी प्रकार से कोई उपयोग नहीं किया गया, क्यों नहीं किया इसका स्पष्टीकरण आपदा प्रबंधन विभाग से लिया जाये। साथ ही यह भी जाँच की जाये कि इस सरकारी भूमि को खुर्द बुर्द करने और इसमें अवैध कब्ज़ा करवाने में आपदा प्रबंधन विभाग और राजस्व विभाग के कौन कौन से अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित हैं, किस लालच में इस भूमि पर अवैध कब्ज़ा और अवैध निर्माण करने की मूकसहमती प्रदान की गयी। जुगरान ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह एक बहुत बड़ा भूमि घोटाला है जिसकी निष्पक्ष और त्वरित जाँच SIT या विजिलेंस से करवाई जाये। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण पर सख्त कार्यवाही करने की बात कही है।

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