पुलिस प्रशासन ने किसानों को रोका तो बैरियर तोड कर आगे बढेंगे किसान: टिकैत

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मुजफ्फरनगर में 500 जगह भंडारे, 5 हजार कारीगर खाना बनाने में जुटे

मुजफ्फरनगर। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आज रविवार को किसान महापंचायत होगी। शहर के जीआईसी ग्राउंड में होने वाली इस महापंचायत का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा कर रहा है। दावा है कि इसमें देशभर से 5 लाख से अधिक किसान जुटेंगे। यह महापंचायत किसान आंदोलन का भविष्य तय करने वाली है। यही वजह है कि किसान संगठन के लोग गांव-गांव जाकर पंचायत कर लोगों से महापंचायत में आने की अपील कर रहे थे । इस किसान महापंचायत में तीन नए कृषि कानूनों और किसानों के मुद्दों पर चर्चा होगी। भारतीय किसान यूनियन का दावा है कि पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश और दक्षिण के राज्यों समेत पूरे देश से किसान इस महापंचायत में हिस्सा लेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार देशभर से आने वाले किसानों के लिए अलग-अलग जगहों पर 500 भंडारे होंगे। किसानों के लिए खाना तैयार करने में 5 हजार कारीगर जुटे हैं। भंडारों के अलावा 110 गांवों से खाना बनकर आएगा।

दिल्ली बॉर्डर से किसान मुजफ्फरनगर के लिए छोटी छोटी टुकडिय़ों में निकलेंगे। किसानों का दल एक साथ नहीं जाएगा। टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से किसान बसों के द्वारा शिफ्टों में जा रहे हैं। हर प्रदर्शनस्थल से 400-500 से ज्यादा किसान नहीं जाएंगे। करीब 500 बसें किराए पर ली गई हैं। सभी बसें मुजफ्फरनगर से थोड़ा पहले रोकी जाएंगी।

पंजाब से हजारों की संख्या में किसानों के ट्रेनों से पहुंचने की उम्मीद है। ये किसान अमृतसर, जालंधर और लुधियाना से ट्रेनों से निकलेंगे। इसके अलावा हरियाणा पंजाब से बडी संख्या में किसानों का काफिला अपने निजी वाहनों से भी महापंचायत में पहुंचेगा। इस महापंचायत को ठीक ढंग से करने के लिए 5000 वालंटियर बनाए गए हैं।

बडी संख्या में निजी वाहनों से महापंचायत में जाते किसान

पुलिस प्रशासन भी हाई अलर्ट पर है। मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में भारी सुरक्षा तैनात की गई है। शासन ने मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के जिलों में आईपीएस भेजे हैं। एडीजी राजीव सभरवाल और आईजी प्रवीण कुमार पूरी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरनगर में रह चुके अफसरों को भी बुलाया गया है। सहारनपुर, शामली और बागपत में विशेष आईपीएस तैनात किए गए हैं। आकाश कुल्हरी, अनुराग वत्स, कुंवर अनुपम, नरेन्द्र कुमार सिंह, सिद्धार्थ शंकर मीणा जैसे अफसरों की तैनाती की गई है।

अपर पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक रईस अख्तर भी पंचायत के दौरान मुजफ्फरनगर में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा एसपी संजीव वाजपेई, एसपी शिवराम यादव की तैनाती की गई है। साथ ही सीओ चमन चावड़ा, अरुण कुमार, पीपी सिंह भी तैनात किए गए हैं। मुजफ्फरनगर में कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए कई जिलों की पुलिस बुलाई गई है।

वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि महापंचायत में शामिल होने वाले किसानों की संख्या बता पाना मुश्किल है। लेकिन मैं लोगों से वादा करता हूं कि ये संख्या बहुत बड़ी होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को महापंचायत जाने से कोई नहीं रोक सकता। यह सरकारी कार्यक्रम नहीं है। अगर वे रोकेंगे तो हम बैरियर तोड़कर जाएंगे। टिकैत ने बताया कि वालंटियर्स को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी नंबर शेयर किया गया है। इसके अलावा किसान शुक्रवार से ही वहां पहुंचना शुरू हो गए हैं, ऐसे में उनके लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन वाली जगहों से भी किसान जाएंगे। लेकिन ज्यादातर किसान गांवों से आ रहे हैं।
12-14 स्क्रीन लगाई गईं
उन्होंने कहा, यह देखना होगा कि कौन कौन महापंचायत वाली जगह पर पहुंच पाता है। टिकैत ने बताया कि 12-14 स्क्रीन लगाईं गई हैं, ताकि जो लोग महापंचायत वाली जगह पर भीड़ के चलते ना पहुंच पाएं, वे भी सुन पाएं। भीड़ को समायोजित करने के लिए 4-5 ग्राउंड्स की भी व्यवस्था की गई है।

टिकैत ने कहा, महापंचायत का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। चुनाव 6 महीने बाद हैं। उत्तर प्रदेश में किसानों को परेशानी हो रही है। पिछले 5 साल से राज्य में गन्ने के दाम नहीं बढ़े हैं, लेकिन बिजली के दाम बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार ने गन्ने के दाम में 5 रु प्रति किलो की बढ़ोतरी की है। क्या आप किसानों का अपमान कर रहे हैं। टिकैत ने कहा, यह मिशन यूपी है। मिशन भारत। हम उत्तर प्रदेश में 18 महापंचायत करेंगे।

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