पूर्व सैनिकों के साथ ही सर्व समाज का मिल रहा है भरपूर समर्थन: पंडित मनीष गौनियाल

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देहरादून। मसूरी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे पंडित मनीष गौनियाल ने बुधवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता आयोजित की। पत्रकारों से वार्ता करते हुए पंडित मनीष गौनियाल ने कहा कि सर्व समाज के साथ ही पूर्व सैनिकों द्वारा भी उन्हें पूर्ण दिया जा रहा है। इसी को लेकर आज कई पूर्व सैनिक पत्रकार वार्ता में मौजूद रहे। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार पूर्व सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन को लेकर कोई ठोस नीति नहीं बना पाई है जिसको लेकर पूर्व सैनिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने मांग की कि पूर्व सैनिकों के परिजनों को भवन कर में छूट दी जानी चाहिए।

गौनियाल ने कहा कि 90 करोड़ की लागत से बनने वाले सैन्यधाम को लेकर भी पूर्व सैनिकों में कोई खास उत्साह नही है। पूर्व सैनिकों की मांग है कि प्रदेश आर्थिक तंगी से गुजर रहा है हजारों करोड का प्रदेश कर्जदार है ऐसे में 90 करोड़ की लागत से सैन्यधाम बनाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने मांग की है कि यदि बनाना ही है तो सैन्यधाम की जगह पूर्व सैनिकों के लिए एक सामुदायिक भवन बनाया जाए जो पूर्व सैनिकों के इस्तेमाल में आ सके। उन्होंने कहा कि वह सैन्यधाम का विरोध नहीं करते हैं लेकिन प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह समय सैन्यधाम बनाने का नहीं बल्कि उत्तराखंड के बेरोजगार युवकों को रोजगार, पूरे प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के साथ ही पहाड़ों में खस्ताहाल हो चुकी सड़कों के निर्माण करने का है।

वहीं पूर्व कैप्टन सोहन सजवाण ने कैबिनेठ मंत्री गणेश जोशी द्वारा सैनिक टोपी पहनने को गलत बताया। उन्होंने कहा कि सूबेदार रैंक के लोग ही सैनिक टोपी का इस्तेमाल कर सकते हैं। जबकि कैबिनेट मंत्री कुछ वर्ष ही सेना में रहे एवं सैनिक के पद से ही वापस आ गए। उन्होंने मांग की कि सैनिकों के अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जरूरत पडने पर उसके लिए आंदोलन भी किया जाएगा।

सेना सम्मान को लेकर भी सजवाण ने कहा कि 15 वर्ष की सेवा के बाद ही सेवा मेडल प्रदान किया जाता है उन्होंने कहा कि काबीना मंत्री अपना सैन्य समान सार्वजनिक रूप से लोगों को दिखाएं और वीर सैनिकों का अपमान ना करें।

पंडित मनीष गोनियाल ने कहा कि पूर्व सैनिकों का उन्हें पूरा सहयोग एवं समर्थन मिल रहा है। उन्होंने भू कानून की मांग को लेकर भी धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी और कहा कि यदि शीघ्र ही उत्तराखंड में भू कानून लागू नहीं किया गया तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मलिन बस्तियों में मालिकाना हक दिया जाना चाहिए लोगों ने अपनी पाई पाई जोड़कर किसी प्रकार से रहने के लिए अपना घर बनाया है और उन्हें मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। इसको लेकर भी वे आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। प्रेसवार्ता में उनके साथ कैप्टन सोहन सिंह सजवाण, एसएस थापा, एके थापा, एसके थापा, पदम राणा आदि उपस्थित रहे।

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