बहुमत नहीं मिलने पर सरकार बनाने की जुगत में जुटी भाजपा, धामी एवं निशंक की संजय डोभाल से मुलाकात

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निर्दलीय चुनाव लड़े संजय डोभाल की मुख्यमंत्री धामी एवं डॉ0 निशंक से मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में उनके जीतने के बाद भाजपा के साथ जाने की चर्चाएं जोर पकडने लगी हैं।

देहरादून। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए अब कुछ ही घंटों का समय बाकी रह गया है। मतगणना का समय बिल्कुल निकट आते ही चुनाव लड़े सभी दलों के प्रत्याशियों की धड़कने एक बार फिर तेज हो गई हैं। उत्तराखंड में दोनों प्रमुख दलों द्वारा बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा लगातार किया जा रहा है। परंतु अंदरखाने से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक दोनों दल बहुमत आने को लेकर पूरे तरीके से आश्वस्त नहीं है यही कारण है कि निर्दलीय सहित अन्य दलों के जिताऊ प्रत्याशियों के साथ जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है ताकि सरकार बनाने की मंशा हर हाल में पूर्ण हो सके।

विधानसभा चुनाव में भाजपा बेशक पूर्ण बहुमत मिलने का दावा कर रही है, लेकिन अंदरखाने उसकी जोड़-तोड़ से सरकार बनाने की भी तैयारी चल रही है। सियासी हलकों में यह चर्चा खासी गर्म है कि जिताऊ माने जाने वाले दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। एक निर्दलीय प्रत्याशी ने मुलाकात की पुष्टि भी की है।

भाजपा के केंद्रीय और प्रांतीय नेताओं के संपर्क में क्षेत्रीय दल के प्रत्याशी

जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर माने जाने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी देहरादून में डेरा जमा लिया है। उनके देहरादून पहुंचने के बाद से कांग्रेस के भीतर खासी खलबली है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर कांग्रेस के अन्य नेताओं ने कैलाश विजयवर्गीय की सक्रियता पर शंकाएं जाहिर की हैं। कैलाश विजयवर्गीय की प्रदेश के भाजपाई दिग्गजों के साथ बैठकें लगातार जारी हैं। इन बैठकों में क्या बातें हो रही हैं यह रहस्य बना हुआ है, लेकिन इन गुप्त मंत्रणाओं के बाद ही उन प्रत्याशियों से संपर्क साधना शुरू हो गया, जिनके चुनाव में जीतने की संभावनाएं अधिक है। इनमें यमुनोत्री से निर्दलीय चुनाव लड़े संजय डोभाल का नाम सुर्खियों में है। डोभाल पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक के संपर्क में बताये जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, डोभाल की मुलाकात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी हो चुकी है। डोभाल ने पुष्टि की है कि उनकी भाजपा नेताओं से मुलाकात हुई है। इसी तरह एक और निर्दलीय प्रत्याशी की भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की चर्चा है। एक क्षेत्रीय दल के प्रत्याशी भी भाजपा के केंद्रीय और प्रांतीय नेताओं के संपर्क में बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि भाजपा सरकार बनाने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहती। न ही वह 2012 के विधानसभा चुनाव में हुई की चूक को दोहराना चाहती है। 2012 में भाजपा को 31 और कांग्रेस को 32 सीटें मिली थी, लेकिन पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने जोड़-तोड़ से सरकार बनाने का विकल्प छोड़ दिया था।

पिछले कुछ सालों में कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आखिरी क्षणों तक सरकार बनाने के प्रयास नहीं छोड़े और अधिकतर में वह कामयाब हुई। इसी कड़ी में भाजपा सरकार बनाने की सभी संभावनाओं और विकल्पों में बेहद गंभीरता के साथ जुटी है और जिताऊ माने जाने वाले प्रत्याशियों से संपर्क साधने की कोशिशों में जुटी है।

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