वैक्सीन में है गोमाता का खून, नही इस्तेमाल होनी चाहिए कोरोना वैक्सीन : स्वामी

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वैक्सीन के लिए धर्म को नष्ट नही किया जा सकता : चक्रपाणि महाराज

देश में जानलेवा कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर कुछ ना कुछ विवाद चल रहा है। पहले मुस्लिम संगठन और अब हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि ने वैक्सीन पर सवाल खड़े किए हैं। स्वामी चक्रपाणि ने दावा किया है कि कोरोना वैक्सीन में गाय का खून है. इसलिए इसे देश में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए. चक्रपाणि ने इसको लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर एक ज्ञापन भी भेजा है।

स्वामी चक्रपाणी ने ज्ञापन में कहा है कि जब तक यह साफ ना हो जाए कि यह वैक्सीन किस तरह से बनाई गई है और कहीं यह धर्म के खिलाफ तो नहीं है, तब तक इस वैक्सीन का भारत में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘’कोरोना खत्म होना चाहिए और जल्द ही वैक्सीन भी लगाई जानी चाहिए, लेकिन इसके चलते अपने धर्म को नष्ट नहीं किया जा सकता.’’ उन्होंने कहा, ‘’जब कोई भी दवाई यह उत्पाद बनता है तो उसमें क्या क्या मिलाया गया है, यह जानकारी दी जाती है. तो आखिर कोरोना वैक्सीन के बारे में जानकारी क्यों नहीं मिलनी चाहिए. हमको ऐसी जानकारी मिली है कि अमेरिका की जो वैक्सीन तैयार हुई है, उसमें गाय के खून का इस्तेमाल किया गया है.’’

स्वामी चक्रपाणि का कहना है, ‘’सनातन धर्म में गाय को माता मानते हैं और ऐसे में अगर गाय के खून को हमारे शरीर में पहुंचाया जाता है तो उसे हमारे धर्म को नुकसान पहुंचाने की कोशिश होगी. सनातन धर्म को खत्म करने को लेकर सालों से यह साजिश रची जा रही है. इसी वजह से हम चाहते हैं कि कोरोना को लेकर भी अगर कोई वैक्सीन आ रही है तो उसके बारे में भी पहले पूरी जानकारी दी जाए. जब सारे संशय दूर हो जाए उसके बाद ही वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया जाए.’’

स्वामी चक्रपाणि मुख्य तौर पर अमेरिका में जो वैक्सीन तैयार की गई है, उसके बारे में बात कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने इसके साथ ही इस बात पर भी ज़ोर दिया कि जानकारी फिलहाल अमेरिका की वैक्सीन को लेकर सामने आई है. लेकिन मांग यह है कि देश में जो भी वैक्सीन लगाई जाए उस बारे में पहले सारी जानकारी जनता के सामने रखी जाए, फिर जिसको लगवाना होगा लगवाएगा, नहीं लगवाना होगा नहीं लगवायेगा।

भले ही जान चली जाए, लेकिन धर्म नष्ट नहीं होना चाहिए- चक्रपाणी

स्वामी चक्रपाणि का कहना है, ‘’पहले विश्वास करो फिर इस्तेमाल करो की नीति पर हम को अमल करना होगा. पहले जनता को विश्वास दिलाया जाए कि इस वैक्सीन में गाय का खून नहीं है, उसके बाद ही इसको लगाया जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘’भले ही जान चली जाए, लेकिन धर्म नष्ट नहीं होना चाहिए और इसी वजह से जब तक इस बात का भरोसा नहीं हो जाता कि कोरोना को लेकर जो वैक्सीन तैयार की गई है, उसमें गाय का खून नहीं है तब तक वह वैक्सीन नहीं लगवाएंगे.’’

गौरतलब है कि भारत सरकार अगले महीने देश में कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारी कर रही है. उसको लेकर सरकार और प्रशासन ने अपने स्तर पर इंतजाम भी शुरू कर दिए हैं. सरकार की तरफ से लगातार यह कहा जा रहा है कि भारत में जो वैक्सीन लगाई जाएगी. वह स्वदेशी होगी और फिलहाल शुरुआती चरण में कोरोना वरियर्स के तौर पर काम कर रहे लोगों को यह व्यक्ति दी जाएगी.’’

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