सहस्त्रधारा रोड चौडीकरण का रास्ता साफ, FRI की मदद से पेडो का होगा प्रत्यारोपण

0
213

देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून-सहस्रधारा रोड चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों के प्रस्तावित कटान के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कटान पर लगी रोक हटाते हुए सरकार को सभी पेड़ों को वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) की निगरानी में प्रतिरोपित करने के निर्देश दिए। कोर्ट के आदेश से इस महत्वपूर्ण मार्ग के चौड़ीकरण का रास्ता साफ हो गया है।

बता दे कि देहरादून निवासी आशीष गर्ग ने अपनी जनहित याचिका में कहा था कि देहरादून जोगीवाला से किरसाली चौक होते हुए सहस्रधारा मार्ग के प्रस्तावित चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों का कटान किया जाना है। देहरादून घाटी और शहर पहले से ही जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है। इससे तापमान में बढ़ोत्तरी भी हो रही है। एक ओर सहस्रधारा शीतल जल और पर्यावरण के लिए जाना जाता है, दूसरी ओर इस तरह के प्रस्तावित कटान से पूरे सहस्रधारा तक का रास्ता उजाड़ हो जाएगा। इसके अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पेड़ों की कटान पर रोक लगाई जाए।

इधर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कहा कि जिन यूकेलिप्टस पेड़ों को हटाया जाना है, वह आयु पूरी कर चुके हैं और सरकार की ही भूमि पर हैं। यूकेलिप्टस की कटान के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है। राज्य में जो प्रतिरोपण किया जा रहा है, उसमें सौ प्रतिशत सफलता मिल रही है। उन्होंने कोर्ट के समक्ष लिखित बहस भी पेश की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पेड़ों की कटान पर लगी रोक हटाते हुए सरकार को एफआरआइ की निगरानी में पेड़ों के प्रतियारोपण का आदेश पारित कर दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here