सीएम धामी की संपत्ति में 581% तो मसूरी विधायक गणेश जोशी की संपत्ति में 197% की बढ़ोतरी

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एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने जारी किए चुनाव लड़ने वाले 51 विधायकों की संपत्ति के आंकड़े, रिपोर्ट में बताया गया है 3% से 740% तक संपत्ति में बढोत्तरी होना

देहरादून। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में पुनः चुनाव लड़ने वाले 51 विधायकों के शपथ पत्रों का विश्लेषण कर रिपोर्ट जारी की है। हल्द्वानी में आयोजित पत्रकार वार्ता में एडीआर के पदाधिकारियों ने बताया कि विस चुनाव में भाग्य आजमा रहे विधायकों की संपत्ति में 3% से 740% तक की बढ़ोतरी पाई गई है। यह चमत्कार ही है कि 60 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारी इतनी सम्पत्ति अर्जित नहीं कर पाते हैं, जितनी विधायक कुछ ही समय में जुटा लेते हैं। बैंकों में भी लगभग 8 साल में पैसे दोगुना हो पाते हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि विधायकों के पास कौन सी मशीनें हैं, जो 5 साल में उनकी सम्पत्ति कई गुना बढ़ जाती है।

एडीआर की रिपोर्ट में विभिन्न दलों और निर्दलीय विधायक जो कि पुनः चुनाव लड़ रहे हैं की औसतन संपत्ति जहां 2017 मे रुपए 4.72 करोड़ थी वही 2022 में इनकी औसतन संपत्ति रुपए 7.05 करोड हो गई है। 5 वर्षों में इन पुनः चुनाव लड़ने वाले 51 विधायकों की औसतन संपत्ति में 2017 की अपेक्षा 2022 में रुपया 2.33 करोड़ की वृद्धि हुई है जोकि 49% की औसतन वृद्धि दिखा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी से 40 विधायक पुनः चुनाव मैदान में है उनकी औसतन संपत्ति 2017 में 4.85 करोड़ थी वह 2022 में बढ़कर 7.23 करोड रुपए हो गई है। वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पुनः चुनाव लड़ रहे सभी 10 विधायकों की औसतन संपत्ति 4.61 करोड रुपए 2017 में थी, वह अब बढ़कर 6.80 करोड रुपए हो गई है। वहीं एकमात्र निर्दलीय विधायक की संपत्ति 66 लाख रुपए से बढ़कर 2.36 करोड रुपए हो गई है।

इन पांच विधायकों की संपत्ति में हुई सबसे अधिक वृद्धि

रेखा आर्य (सोमेश्वर) 97% की वृद्धि, काजी मोहम्मद निजामुद्दीन (मंगलौर) 51% वृद्धि, प्रदीप बत्रा (रुड़की) 216% वृद्धि, सतपाल महाराज (चौबट्टाखाल) 9% वृद्धि, व गणेश जोशी (मसूरी) 197% वृद्धि संपत्ति में दर्शाई गई है। इस संपत्ति में हुई वृद्धि की रुपए में बात की जाए तो रेखा आर्य की संपत्ति में 12 करोड़ 42 लाख 4 हजार 310 रुपए, काजी मोहम्मद निजामुद्दीन की संपत्ति में ₹10 करोड 80 लाख 52 हजार 170 की वृद्धि, प्रदीप बत्रा की संपत्ति में 8 करोड़ 25 लाख 29 हजार 567 की वृद्धि, सतपाल महाराज की संपत्ति में 7 करोड़ 60 लाख 57 हजार 712 की वृद्धि , गणेश जोशी की संपत्ति में 6 करोड़ 46 लाख 80 हजार 774 की वृद्धि हुई है। रेखा आर्य, काजी मोहम्मद निजामुद्दीन, सतपाल महाराज, और गणेश जोशी ने अन्य के अतिरिक्त एग्रीकल्चर (किसानी) को अपनी आय का एक प्रमुख स्रोत भी बताया है।

मुख्यमंत्री धामी की संपत्ति में हुई 5 गुना से अधिक की वृद्धि

खटीमा से चुनाव लड रहे हैं उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संपत्ति में 581% की वृद्धि होना रिपोर्ट में बताया गया है। 2017 के मुकाबले 2022 में उनकी संपत्ति में 2 करोड़ 85 लाख 35 हजार 511 की वृद्धि रिपोर्ट में दर्शाई गई है।

संपत्ति बढोत्तरी के मामले में धन सिंह रावत सबसे आगे

एडीआर की रिपोर्ट का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि कबीना मंत्री रही रेखा आर्य की संपत्ति में 97%, गणेश जोशी की संपत्ति में 197%, डॉ. धन सिंह रावत की संपत्ति में 306%, विशन सिंह की संपत्ति में 234%, अरविंद पांडे की संपत्ति में 196%, यतिस्वरानंद की संपत्ति में 171%, सुबोध उनियाल की संपत्ति में 106%, वृद्धि दर्शाई गई है। सरकार में कबिना मंत्री रहे मदन कौशिक की संपत्ति में 177%, बंशीधर भगत की संपत्ति में 127%, वृद्धि दर्शाई गई है। विधानसभा में बतौर स्पीकर दायित्व निर्वहन करने वाले प्रेमचंद्र अग्रवाल की संपत्ति में 55%, वृद्धि बताई गई। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की संपत्ति में 34% वृद्धि होना बताया गया है।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक मनोज ध्यानी ने बताया कि एडीआर की रिपोर्ट मे जारी किये गए आंकड़े पुनः चुनाव लड़ने वाले विधायकों के निर्वाचन संबंधी शपथ पत्र से लिये गए हैं। उन्होंने यह भी बताया एडीआर उत्तराखंड इलेक्शन वॉच द्वारा जारी की गई यह रिपोर्ट आसन्न चुनाव के दृष्टिगत मतदाता जागरूकता के लिए निकाली गई है।

इसी क्रम में एडीआर पूर्व मे 2 दिसंबर 2021 को अभियान के तहत विधायकों पर आपराधिक पृष्ठभूमि, वित्तीय देनदारी, शैक्षणिक योग्यता से संबंधित पहली रिपोर्ट और हाल ही में 8 फरवरी 2022 को उत्तराखंड मे चुनाव मे खडे सभी प्रत्याशियों के आपराधिक पृष्ठभूमि, वित्तीय स्थिति, शैक्षणिक योग्यता आदि के रिकॉर्ड जारी कर चुकी है। इसी क्रम में तीसरी रिपोर्ट पुनः चुनाव लड़ रहे विधायकों पर जारी की गईं है।

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