हरीश रावत की हार में मुख्य भूमिका निभाने वाले मुकर्रम कांग्रेस में होंगे शामिल, 2017 में हासिल किये थे 18 हजा़र वोट

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टिकट कटने से नाराज़ मुकर्रम बसपा छोड़ समर्थकों सहित कांग्रेस में शामिल होंगे मुकर्रम अंसारी

बेटी अनुपमा को जिताने के लिए “हरीश रावत का डबल धमाल, हॉट सीट पर बदले समीकरण

देहरादून। विधानसभा चुनाव से पहले बसपा को उत्तराखंड में झटके पर झटके लग रहे हैं। हरिद्वार ग्रामीण सीट से अनुपमा रावत का टिकट लगभग तय होने पर सारे सियासी समीकरण बदलने जा रहे हैं। अभी तक बसपा से केवल एक मुस्लिम नेता की कांग्रेस में एंट्री की खबर मिल रही थी। लेकिन 24 घंटे के भीतर ऐसी परिस्थितियां बदली के 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सामने बसपा के टिकट से चुनाव लड़ने वाले मुकर्रम अंसारी भी अब कांग्रेस के होने जा रहे हैं। वह पूरे दलबल के साथ देहरादून पहुंच कर कांग्रेस में वापसी करेंगे।

दरअसल 2017 के विधानसभा चुनाव में मुकर्रम अंसारी ने करीब 18 हजार वोट लेकर अपना दमखम दिखाया था। जबकि उनके सामने एक तरफ मौजूदा मुख्यमंत्री हरीश रावत तो दूसरी तरफ सिटिंग विधायक स्वामी यतीश्वरानंद थे। दिलचस्प बात यह है कि लगभग 18 हजार वोट से ही स्वामी यतीश्वरानंद ने तत्कालीन मुख्यमंत्री को शिकस्त दी थी। ऐसे में यह साफ है कि मुकर्रम कि कांग्रेस में वापसी से जिले की सबसे हॉट सीट पर कांग्रेस मजबूत स्थिति में आने जा रही है।

पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार के शिष्य के तौर पर छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रखने वाले मुकर्रम की माता इस क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी हैं। साथ ही इस सीट पर अंसारी बिरादरी का एक बड़ा तबका भी मुकर्रम के पक्ष में माना जाता है। इसलिए भी पूर्व सीएम हरीश रावत ने अनुपमा की जीत पक्की करने के लिए मुकर्रम की वापसी का रास्ता तैयार किया है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के अलावा मुकर्रम के चचेरे भाई और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुशर्रफ अंसारी उनकी वापसी के सूत्रधार बने हैं। बसपा नेता मुकर्रम जल्द ही अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ देहरादून जाकर कांग्रेस की सदस्यता लेंगे और अगले चुनाव में कांग्रेस के लिए दमखम से काम करेंगे।

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