60 लाख में बना था ‘भ्रष्टाचार का श्मशान घाट’, अब मृतकों के परिजनों को दी जाएगी दो-दो लाख की‌ मदद

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गाजियाबाद। नगरपालिका मुरादनगर चेयरमैन और ईओ का खास है ठेकेदार, उसी ने कराया श्मशान का निर्माण

मुरादनगर के उखरालसी श्मशान घाट की छत से लेंटर गिरने की घटना में भले ही अब कागजी कार्रवाई शुरू हाे गई हो। लेकिन,भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी 23 जिंदगियां इससे वापस नहीं आएगी बाकी दो दर्जन के लगभग लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है जिसमें कुछ की हालत अति गंभीर है। वही श्मशान घाट में घटिया निर्माण सामग्री लगाने को लेकर स्थानीय लोग पहले भी शिकायत कर चुके थे। यदि उस समय ही इस पर जांच बैठ जाती तो शायद इतने लाेगों की मौत नहीं होती। सब की मिलीभगत का ही परिणाम रहा कि कई लोगों ने अपनों को खो दिया।

ठेकेदार अजय त्यागी नगरपालिका चेयरमैन विकास तेवतिया का बेहद करीबी बताया जाता है। इतना ही नहीं, अजय त्यागी की नगरपालिका के अधिकारियाें में भी अच्छी पैठ बताई जाती है। अधिकारियाें की साठगांठ और चेयरमैन से अच्छे ताल्लुकात के चलते ही अजय त्यागी की फर्म को नगर पालिका के अधिकतर विकास कार्याें के ठेके मिले हुए है। इन्हीं में एक श्मशान घाट भी शामिल था। करीब एक साल पहले श्मशान घाट का ठेका अजय त्यागी को मिला। जिसके निर्माण में करीब 60 लाख लागत आई। अक्टूबर माह में श्मशान भवन पर लिंटर डाला गया। दिसंबर माह में निर्माण पूरा हो गया।


उखरालसी श्मशान घाट की छत गिरने की घटना में भले ही अब कागजी कार्रवाई शुरू हाे गई हो। निर्माण के बाद जांच अधिकारी ने भवन की जांच की और गुणवत्ता रिपोर्ट में सभी मानकों को सही बताया। जब गुणवत्ता सही पाई गई तो,एक ही बरसात में लिंटर कैसे गिर पड़ा। ये सवाल प्रत्येक शहरवासी की जुबां पर है। इतना ही नहीं,स्थानीय लोगाें ने कुछ महीने पहले श्मशान के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने की शिकायत भी उच्चाधिकारियों से की थी,लेकिन उस समय किसी ने इसको गंभीरता से नहीं लिया।

अब अधिकारियों व ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा ही शहरवासियों को झेलना पड़ा। श्मशान का लिंटर गिरने के बाद अब अजय त्यागी द्वारा कराए गए अन्य विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच कराना जरूरी हो गया है। अब अधिकारियों व ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा ही शहरवासियों को झेलना पड़ा। जेसीबी की मदद से 65 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया। देर रात तक अस्पताल में 23 लोगों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घायलों का इलाज चल रहा है।

डीएम अजयशंकर पांडेय, एसएसपी कलानिधि नैथानी भी तुरंत मौके पर पहुंचे। शाम को आइजी प्रवीण कुमार,मंडलायुक्त अनीता सी.मेश्राम ने मौका मुआयना कर घटना की जानकारी जुटाई। घटनास्थल पर केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह, राज्यमंत्री अतुल गर्ग, विधायक अजीतपाल त्यागी आदि भी पहुंचे और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी।

उधर, मुख्यमंत्री ने भी घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतक के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इसके साथ ही घटना के जिम्मेदारों पर कार्रवाई का भरोसा दिया।

बताते चले कि रविवार को‌ गाजियाबाद के मुरादनगर उखलारसी गांव की संगम बिहार कॉलोनी निवासी जयराम (70) का रविवार को निधन हो गया था। सुबह करीब 10:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा घर से शुरू हुई और करीब पौने 11 बजे मुरादनगर के बंबा रोड श्मशान घाट पहुंची। अंतिम संस्कार में मोहल्ले और आसपास के इलाकों के करीब आधा सैकड़ा से अधिक लोग शामिल थे। अंतिम संस्कार के दौरान बारिश होने के कारण अधिकांश लोग श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर बने 70 फीट लंबे गलियारे में खड़े थे। अंतिम संस्कार पूरा होने के बाद करीब 11:30 बजे इस गलियारे में दो मिनट के मौन के लिए सभी लोग जमा हुए। इसी दौरान गलियारे की छत भरभरा कर गिर गई। कुछ लोग बाहर निकल गए थे,लेकिन करीब 40 लोग मलबे के नीचे दब गए। लेकिन,भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी जिंदगियां इससे वापस नहीं आएगी।

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