कैबिनेट मंत्री जोशी के बहाने नेगी ने सरकार और राजभवन की नीयत पर उठाए सवाल

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मोर्चा अध्यक्ष नेगी का आरोप,भ्रष्ट मंत्री को पनाह देकर सरकार गर्त में धकेल रही प्रदेश को

देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक बार फिर सरकार और राजभवन की नीयत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि घोटालेबाज कृषि मंत्री गणेश जोशी द्वारा जिस तरह से लगातार घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है, उससे सरकार व प्रदेश की छवि धूमिल होती जा रही है। इतने गंभीर आरोपों के बावजूद न तो सरकार ने इन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया और न ही इनकी अघोषित सैकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति की जांच करवाई।

नेगी ने आरोप लगाया कि मंत्री द्वारा पहले उद्यान निदेशक बवेजा को सीबीआई जांच से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करवाई गई। हाल ही में कृषि मित्र मेले में घोटाले की पटकथा लिखी गई, वहीं तराई बीज विकास निगम की परिसंपत्तियों/भूमि की नीलामी में भी घोटाले का आरोप लगा। आय से अधिक मामले में न्यायालय द्वारा सरकार से मुकदमा दर्ज करने की सहमति मांगी गई थी, लेकिन शासन ने इन्हें अभयदान दे दिया।

उन्होंने कहा कि जैविक खेती/बागवानी में गड़बड़ी, निर्माणाधीन सैन्य धाम में अनियमितताएं और विदेशी टूर में लाखों रुपए की बर्बादी के आरोप भी मंत्री पर हैं। 5–7 सालों में मंत्री द्वारा परिजनों और गुर्गों के नाम पर सैकड़ों करोड़ की अघोषित संपत्ति अर्जित की गई है, जिसकी जांच होना आवश्यक है। हाल ही में मा. उच्च न्यायालय ने इन मामलों में मंत्री को नोटिस भी जारी किया है।

नेगी ने सवाल उठाया कि जो व्यक्ति 15–20 साल पहले मुफलिसी में जीवन बिता रहा था, वह अचानक कैसे सैकड़ों करोड़ की अघोषित संपत्ति का मालिक बन बैठा? सरकार को यह जांच करानी चाहिए कि देहरादून और आसपास बने कंपलेक्स, मॉल और अपार्टमेंट में कितने इनके परिजनों और गुर्गों के नाम पर धमकाकर हासिल किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद राजभवन का खामोश बैठना भी बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि ऐसे भ्रष्ट मंत्री को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और अघोषित संपत्ति की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।