नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर उनके सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर 20 अगस्त 2025 को आयोजित साप्ताहिक जनता दरबार के दौरान एक शख्स ने हमला कर दिया। घटना उस समय हुई जब मुख्यमंत्री आम जनता की शिकायतें सुन रही थीं। हमलावर, जिसकी पहचान गुजरात के राजकोट निवासी 41 वर्षीय राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया के रूप में हुई है, ने पहले मुख्यमंत्री को कुछ कागज सौंपे और फिर अचानक चिल्लाते हुए उन पर थप्पड़ मार दिया। इस घटना में रेखा गुप्ता के सिर पर हल्की चोट आई, जब उनका सिर धक्का-मुक्की के दौरान टेबल के कोने से टकरा गया।
घटना का विवरण
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर जनसुनवाई के बहाने मुख्यमंत्री के पास पहुंचा। उसने कागजात सौंपने के बाद जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया और अचानक रेखा गुप्ता को थप्पड़ मार दिया। कुछ लोगों ने दावा किया कि उसने मुख्यमंत्री के बाल खींचने की भी कोशिश की। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया और उसे सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन ले जाया गया। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हमले के पीछे की मंशा का पता लगाने के लिए पूछताछ कर रही है।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने स्पष्ट किया कि थप्पड़ मारे जाने की बात गलत है। उनके अनुसार, हमलावर ने मुख्यमंत्री का हाथ पकड़कर खींचने की कोशिश की, जिससे धक्का-मुक्की हुई और उनका सिर टेबल से टकरा गया। डॉक्टरों ने रेखा गुप्ता की स्थिति को स्थिर बताया है, हालांकि वह सदमे में हैं।
इस घटना ने दिल्ली में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। आम आदमी पार्टी ने हमले की कड़ी निंदा की है। आप नेता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी।”
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा, “यह बहुत दुखद है। मुख्यमंत्री पूरी दिल्ली का नेतृत्व करती हैं। यह घटना महिला सुरक्षा की पोल खोलती है। अगर दिल्ली की मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम महिला कैसे सुरक्षित रह सकती है?”
इस घटना ने दिल्ली में मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी विधायक हरीश खुराना ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक बताया और कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। विपक्ष ने भी सरकार से जवाब मांगा है कि ऐसी चूक कैसे हुई।
पुलिस के अनुसार आरोपी राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया गुजरात के राजकोट का रहने वाला है और उसकी उम्र 41 वर्ष है। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि हमला निजी नाराजगी के कारण हुआ या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और उसकी कुंडली खंगाली जा रही है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
रेखा गुप्ता ने घटना के बाद अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। जनसुनवाई जारी रहेगी, और मैं अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटूंगी।” बीजेपी नेताओं ने उनकी हिम्मत की सराहना करते हुए कहा कि वह एक मजबूत नेता हैं और इस घटना से उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
यह घटना न केवल दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिंसा की प्रवृत्ति को भी उजागर करती है। सभी राजनीतिक दलों ने इस हमले की निंदा की है और दिल्ली पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मामले की गहन जांच जारी है, और जल्द ही हमले के पीछे के कारणों का खुलासा होने की उम्मीद है।