देहरादून। सरकार द्वारा बार एसोसिएशन देहरादून के अधिवक्ताओं के चैंबर निर्माण संबंधी नीति में सहयोग न करने को लेकर वकीलों के सब्र का बांध टूट गया। देहरादून बार एसोसिएशन के बैनर तले सैकड़ों अधिवक्ता हरिद्वार रोड स्थित नए न्यायालय परिसर के बाहर सड़क पर बैठ गए और चक्काजाम कर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन के चलते जिला न्यायालय में कामकाज काफी देर तक प्रभावित रहा जिससे वादियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।


प्रदर्शन के दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा बार एसोसिएशन की मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “आज अधिवक्तागण उत्तराखंड सरकार के विरोध में सांकेतिक रूप से रोष प्रकट कर रहे हैं। अगर हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम और उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे, जिसमें शहर बंद करने से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक घेराव किया जाएगा।
मनमोहन कंडवाल ने अधिवक्ताओं के लिए पर्याप्त चैंबर निर्माण तथा न्यायालय परिसर में वादियों को हो रही दिक्कतों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार के उदासीन रवैये से अधिवक्ताओं के साथ-साथ वादियों को भी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि नए न्यायालय परिसर में चैंबर संबंधी सुविधाएं नहीं हैं, जिससे बार के सदस्य और उनके लिए आने वाले वादी अत्यंत परेशान हैं।

बार एसोसिएशन ने चेताया कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को नहीं माना तो विरोध प्रदर्शन और तेज़ किया जाएगा। उन्होंने साफ कर दिया कि रोष आंदोलन सरकार की अनदेखी के खिलाफ लगातार जारी रहेगा।
अध्यक्ष कंडवाल ने बताया कि अगला कदम शहर बंद और मुख्यमंत्री आवास का घेराव हो सकता है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तुरंत संज्ञान लेकर सकारात्मक पहल की मांग की है, जिससे अधिवक्ताओं को अपने कर्तव्यों का निर्वहन और वादियों को न्यायिक प्रक्रिया में सुविधा मिले। विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस और प्रशासन को मौके पर उपस्थित रहकर व्यवस्था संभालनी पड़ी। जिला न्यायालय में कार्य बाधित होने के चलते कई मामलों की सुनवाई प्रभावित रही लेकिन बाद में वरिष्ठ अधिवक्ताओं के समझाने पर सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाया गया और यातायात बहाल किया गया।








