देहरादून में कांग्रेस ने जीता जिला पंचायत चुनाव, तीन ब्लॉक प्रमुख भी विजयी

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देहरादून। उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं। पांच जिला पंचायतों में पहले ही भाजपा समर्थित प्रत्याशी निर्विरोध अध्यक्ष बन गए थे। जबकि आज हुए छह जिलों में भी देहरादून को छोड़कर पांच जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा जीत गई है। उधम सिंह नगर में हाईकोर्ट की रोक के चलते घोषित नहीं होगा।

दून में प्रीतम ने दिखाया दम

देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव परिणामों में कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को करारा झटका देते हुए दोनों अहम पद अपने नाम कर लिए। अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की सुखविंदर कौर ने भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी और दो बार की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी मधु चौहान को हराकर बड़ी जीत दर्ज की।

उपाध्यक्ष पद पर भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया। यहां कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक सिंह
ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की। इस जीत के साथ जिला पंचायत में कांग्रेस का दबदबा और मजबूत हो गया है। प्रीतम सिंह ने देहरादून जिला पंचायत चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हुआ था। जिसमें वह सफल हुए हैं।

देहरादून में जिला पंचायत में जीत के लिए लिए कुल 16 सदस्यों का समर्थन जरूरी था। कांग्रेस नेताओं का दावा था कि उनके पास पहले से ही बहुमत मौजूद है, जबकि भाजपा पूरे चुनाव अभियान के दौरान समीकरण साधने में लगी रही, लेकिन उसकी सभी रणनीतियां विफल हो गईं।

वहीं,ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया है। जिले के छह ब्लॉक में से तीन पर कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की है जबकि तीन सीटों पर भाजपा ने विजय पताका फहराई है।

किस ब्लॉक में कौन जीता
चकराता कांग्रेस
कालसी भाजपा
विकासनगर भाजपा ( निर्विरोध)
सहसपुर कांग्रेस
रायपुर भाजपा
डोईवाला कांग्रेस

 

देहरादून। जिला पंचायत अध्यक्ष पद की लड़ाई इस बार और भी दिलचस्प हो गई है। भाजपा ने एक बार फिर अपने भरोसेमंद चेहरे मधु चौहान पर दांव लगाया है, जबकि कांग्रेस समर्थित व निर्दलीय सदस्यों ने सुखविंदर कौर को मैदान में उतारकर सीधी टक्कर देने की रणनीति बनाई है। माहौल को और गर्माते हुए चकराता के दिग्गज नेता, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह ने चकराता ब्लॉक की बर्नाड सीट से जीते अपने बेटे अभिषेक सिंह को उपाध्यक्ष पद पर नामांकन दाखिल कराया है। तो भाजपा ने इस पद पर अस्थल मालदेवता सीट से जीते बीर सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है। निवर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुंडीर इस बार कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी गोविन्द सिंह पुंडीर से चुनाव हार गए हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का मधु चौहान पर फिर से जताया गया भरोसा उनके अनुभव और संगठन में मज़बूत पकड़ का संदेश देता है, जबकि कांग्रेस ने सुखविंदर कौर को उतारकर महिला मतदाताओं और सिख समुदाय के बीच पकड़ मजबूत करने की कोशिश माना जा रहा है।

उधर, प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक का मैदान में उतरना न सिर्फ युवा ऊर्जा का संदेश है बल्कि यह कांग्रेस खेमे में संगठनात्मक मजबूती का भी संकेत है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं होगा।

देहरादून। जिला पंचायत अध्यक्ष पद की लड़ाई इस बार और भी दिलचस्प हो गई है। भाजपा ने एक बार फिर अपने भरोसेमंद चेहरे मधु चौहान पर दांव लगाया है, जबकि कांग्रेस समर्थित व निर्दलीय सदस्यों ने सुखविंदर कौर को मैदान में उतारकर सीधी टक्कर देने की रणनीति बनाई है। माहौल को और गर्माते हुए चकराता के दिग्गज नेता, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह ने चकराता ब्लॉक की बर्नाड सीट से जीते अपने बेटे अभिषेक सिंह को उपाध्यक्ष पद पर नामांकन दाखिल कराया है। तो भाजपा ने इस पद पर अस्थल मालदेवता सीट से जीते बीर सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है। निवर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुंडीर इस बार कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी गोविन्द सिंह पुंडीर से चुनाव हार गए हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का मधु चौहान पर फिर से जताया गया भरोसा उनके अनुभव और संगठन में मज़बूत पकड़ का संदेश देता है, जबकि कांग्रेस ने सुखविंदर कौर को उतारकर महिला मतदाताओं और सिख समुदाय के बीच पकड़ मजबूत करने की कोशिश माना जा रहा है।

उधर, प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक का मैदान में उतरना न सिर्फ युवा ऊर्जा का संदेश है बल्कि यह कांग्रेस खेमे में संगठनात्मक मजबूती का भी संकेत है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने का रास्ता आसान नहीं होगा।