क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने नकुड ब्लॉक के गांव नसरुल्लागढ़ में एक गरीब परिवार से उसकी छत ही छीन ली। आखिर सरकारी योजनाओं का गरीब और जरूरतमंद लोगों को समय रहते क्यों नहीं मिल पा रहा लाभ! हो जाता बड़ा हादसा तो कौन होता जिम्मेदार, कई कर्मचारी ठेंगे पर रखते हैं योगी सरकार का गुड गवर्नेन्स
अंबेहटा। दो दिन हुई बरसात ने एक ग़रीब मजदूर के सर से छत छीन ली। गनीमत यह रही कि हादसे के समय परिवार का कोई सदस्य घर के अन्दर नहीं था जिससे बड़ी अनहोनी होने से टल गई। सहारनपुर जिले के नकुड ब्लॉक के नसरुल्लागढ़ गांव निवासी पिंटू उपाध्याय पुत्र जयपाल सिंह का कच्चा मकान भारी बारिश में भरभरा कर जमींदोज हो गया। संयोग अच्छा था कि घटना के समय परिवार का कोई सदस्य भीतर मौजूद नहीं था। अन्यथा हादसा जानलेवा साबित हो सकता था।
पिंटू उपाध्याय गांव गांव फेरी लगाकर अपने परिवार की रोजी रोटी चलाता है। आंखों में आंसू और चेहरे पर बेबसी लिए पिंटू ने बिलखते हुए बताया काफ़ी दिनों से वह प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहा है। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला। हादसे में पिंटू और उसके भाई की मोटरसाइकिलें मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गई। घर में रखा सामान पूरी तरह नष्ट हो गया। सबसे दुखद यह है कि हादसे की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी है। लेकिन कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा। न किसी प्रकार की राहत उपलब्ध कराई गई। गांव के लोगों का कहना है कि भ्रष्टाचार और भेदभाव के चलते पात्र लोग योजनाओं से वंचित होते जा रहे हैं। जबकि अपात्रों को लाभ मिल रहा है। गरीब लोगों के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सोचना चाहिए कि समय रहते जरूरतमंद को योजना का लाभ मिल जाए।