देहरादून। प्रदेश हित में जनहित के मुद्दों को लेकर लगातार मुखर रहने वाले जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने हरिद्वार में हुए नगर निगम भूमि घोटाले को लेकर पत्रकार वार्ता की है।
विकासनगर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने कहा कि हरिद्वार नगर निगम भूमि खरीद घोटाले का मुख्य मास्टरमाइंड, गुनहगार व जालसाज अधिकारी आज भी सचिवालय (मुख्यमंत्री कार्यालय) के चौथे तल पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहा है। नेगी ने आरोप लगाया कि जिस अधिकारी के इशारे पर यह पूरा खेल रचा गया, उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराकर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
नेगी ने कहा कि इस घोटाले में कई अधिकारी दबाव में आकर शामिल हुए, जिन्हें निलंबित कर दिया गया और विजिलेंस जांच भी शुरू की गई, लेकिन असली मास्टरमाइंड पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
नेगी ने कहा कि उन्हें सूत्रों से जानकारी है कि उक्त अधिकारी ने जिलाधिकारी, एसडीएम, नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों पर दबाव डालकर नियम विरुद्ध कार्य कराए और जमीन के लैंड यूज चेंज की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सवाल उठाया कि कूड़े के ढेर से सटी कई बीघा भूमि का लैंड यूज बदलकर 14 करोड़ की कीमत वाली जमीन रातों-रात 54 करोड़ में कैसे खरीदी गई, जिससे सरकार को लगभग 40 करोड़ का नुकसान हुआ।
नेगी ने कहा कि आईएएस अधिकारी रणवीर सिंह चौहान की जांच रिपोर्ट के आधार पर अब तक 12 अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है और सेवा विस्तार भी समाप्त किया गया है। इसके बावजूद अभी तक आर्थिक आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज नहीं होना गंभीर प्रश्न है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस जालसाज अधिकारी की करतूतों का दंड निचले स्तर के अधिकारी भुगत रहे हैं, जबकि सरकार की छवि धूमिल करने वाला मास्टरमाइंड बचा हुआ है। मोर्चा ने सरकार से मांग की है कि न्याय के सिद्धांत के तहत उक्त मास्टरमाइंड अधिकारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए और पूरे गिरोह के खिलाफ सीबीआई जांच व एफआईआर की कार्रवाई की जाए।