अस्तित्व टाइम्स
UCC: छह महीने के भीतर पंजीकरण कराने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क केवल 250 रुपए उसके बाद अदा करने होंगे 2500 रुपए
लिव इन के तीन आवेदन निरस्त, 6035 सेवाओं के सर्टिफिकेट जारी
देहरादून। हरिद्वार में जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बुधवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत जनपद में चल रही विभिन्न सेवाओं की समीक्षा की। बैठक में जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश ने बताया कि यूसीसी के तहत अब तक विभिन्न सेवाओं के लिए 6,035 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं, जबकि 764 आवेदन लंबित हैं। इनमें विवाह पंजीकरण, तलाक, वसीयतनामा और लिव इन रिलेशनशिप जैसी सेवाएं शामिल हैं।
यूसीसी के तहत हरिद्वार में लिव इन रिलेशनशिप के लिए अब तक नौ आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से तीन अस्वीकृत किए गए। दो ऑटो-अपील में हैं और चार आवेदन लंबित हैं।
इसके अलावा, विवाह पंजीकरण के 5,176 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, जबकि तलाक और विवाह शून्यता के आठ मामलों को मंजूरी दी गई है।
जिलाधिकारी ने निबंधकों और उप-निबंधकों को निर्देश दिया कि आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जाए और आवेदकों को अधिकतम सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को गलत तरीके से सर्टिफिकेट नहीं दिया जाए और न ही बिना वजह आवेदन रद्द किए जाएं। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोस्टर के आधार पर कैंप लगाकर पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाने के भी निर्देश दिए। बैठक में नगर आयुक्त रुड़की राकेश चंद तिवारी, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह और ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अभिषेक चौहान सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
छह महीने में पंजीकरण पर केवल 250 शुल्क
जिलाधिकारी ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशनशिप और वसीयतनामा जैसी सेवाओं का पंजीकरण अनिवार्य है। संहिता लागू होने के छह महीने में पंजीकरण कराने पर केवल 250 का शुल्क लगेगा, जबकि इस अवधि के बाद 2,500 का शुल्क देना होगा। उन्होंने सभी पात्र लोगों से ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अपील की।
अन्य प्रमुख आंकड़े
– वसीयतनामा/उत्तराधिकार पंजीकरण : 75 आवेदन स्वीकृत
– पहले से पंजीकृत विवाहों की स्वीकृति : 776
– लंबित आवेदन : 764
– अस्वीकृत आवेदन : 528