नई दिल्ली। नेपाल में फैली उपद्रवियों की हिंसा का शिकार एक भारतीय परिवार भी हो गया है। उपद्रवियों की क्रूरता में देहरादून के ट्रांसपोर्ट कारोबारी रामवीर गोला की पत्नी राजेश गोला (45 वर्ष) की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार रामवीर गोला अपनी पत्नी के साथ 6 सितंबर को नेपाल घूमने गए थे। 9 सितंबर की रात को जब काठमांडू में हिंसा भड़की तो वे एक होटल में ठहरे हुए थे। तभी उपद्रवियों ने होटल में आग लगा दी। इससे अफरा-तफरी मच गई। लोग कमरों से निकलकर जान बचाने के लिए दौड़े। इसी भगदड़ के दौरान राजेश चौथी मंजिल से नीचे गिर पड़ीं पर, रामबीर को इसका पता नहीं चला। वो अपनी पत्नी को हर जगह तलाश करते रहे। तब उन्हें पता नहीं था कि उनकी पत्नी की जान जा चुकी है। बाद में एक अस्पताल में पत्नी की लाश देखने के बाद रामबीर टूट गए। रामवीर मदद के लिए इधर-उधर भटकते रहे, मगर उन्हें कहीं कोई सहायता नहीं मिली। उन्होंने देहरादून में अपने परिजनों को फोन कर घटना की जानकारी दी और भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। अफसरों से दोबारा बात की तो इतना ही कहा गया कि मौका लगते ही सुरक्षा फोर्स से बात करके शव बॉर्डर पार कराया जाएगा।
नेपाल में फंसे कारोबारी रामबीर सिंह के तीन बच्चे हैं। उनके एक कर्मचारी ने बताया कि कारोबारी के तीनों बच्चों की शादी हो चुकी है। नेपाल में हुए इस घटनाक्रम की जानकारी लगने के बाद से सबका रो-रोकर बुरा हाल है।
रामवीर गोला मूल रूप से मेरठ रोड, गाजियाबाद के रहने वाले हैं और वर्तमान में देहरादून के ट्रांसपोर्ट नगर में रहते हैं। उनकी ट्रांसपोर्ट कंपनी अशोक रोडलाइंस देहरादून और गाजियाबाद दोनों जगह संचालित होती है। वह वर्ष 1980 से देहरादून में व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। आज किसी समय वह अपनी पत्नी का पार्थिव शरीर लेकर देहरादून लौट सकते हैं।
नेपाल में हालात बद्तर
नेपाल में लगातार बिगड़ते हालात के बीच कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। राजधानी काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है। आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है, दुकानें और बाजार बंद हैं।भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल में अपने नागरिकों को सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्रा टालने की सलाह दी है। वहीं भारतीय दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी कर फंसे भारतीयों से संपर्क बनाए रखने की अपील की है।










