मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से निष्पक्ष जांच कर भ्रष्टाचार के आरोपी अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग
देहरादून। हल्द्वानी में तहसील प्रशासन में कथित भ्रष्टाचार व अवैध वसूली के आरोपों को लेकर सोमवार को हल्द्वानी तहसील परिसर में भारी हंगामा देखने को मिला। लाइसेंसधारी दस्तावेज लेखकों और स्टाम्प विक्रेताओं ने आरोप लगाया कि तहसील से जुड़े कुछ कर्मचारी और पटवारी लंबे समय से 600 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक की अवैध वसूली कर रहे हैं, जिससे न केवल दस्तावेज लेखकों का उत्पीड़न हो रहा है बल्कि आम जनता भी परेशान है।
यूनियन अध्यक्ष योगेश पांडे ने कहा कि दस्तावेज संबंधी कार्यों में बिना “सुविधा शुल्क” लिए फाइल आगे नहीं बढ़ाई जाती। उनके अनुसार, कई बार शिकायतें करने के बावजूद विभागीय स्तर पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। पांडे ने बताया कि कुछ पटवारियों द्वारा यह दबाव बनाया जा रहा है कि वे बिना पैसे दिए हुए किसी भी दस्तावेज को स्वीकार नहीं करते, जिससे जनता को अनावश्यक रूप से चक्कर लगाने पड़ते हैं।

तहसील परिसर में नारेबाजी, कार्रवाई की मांग
इन आरोपों के विरोध में स्टाम्प विक्रेताओं और दस्तावेज लेखकों ने तहसील परिसर में प्रदर्शन किया तथा “घूसखोर अफसरों को बर्खास्त करो” जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस तरह की गतिविधियाँ न केवल सरकारी व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करती हैं, बल्कि आम नागरिकों के अधिकारों का भी हनन करती हैं।
यूनियन अध्यक्ष योगेश पांडे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
उन्होंने मांग की कि आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाए।
प्रदर्शन के दौरान कई दस्तावेज लेखकों ने बताया कि लगातार अवैध वसूली के कारण उनके कामकाज में बाधा आती है और उनकी आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि पारदर्शी व्यवस्था के बिना राजस्व कार्यों में सुधार संभव नहीं है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में दस्तावेज लेखक, स्टाम्प विक्रेता शामिल रहे।










