किशोरी की मौत के बाद डोईवाला में पथराव और लाठीचार्ज, पुलिसकर्मी घायल देखें वीडियो

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पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी तरह के सेक्सुअल एसाल्ट अथवा शारीरिक चोट की पुष्टि नहीं हुई है

देहरादून। शनिवार को डोईवाला थाना क्षेत्र के कुड़कावाला गांव स्थित स्टोन क्रशर के कमरे में किशोरी का शव संदिग्ध हालात में फांसी के फंदे पर लटका मिलने का मामला रविवार को तूल पकड़ गया। घटना से गुस्साए लोगों ने बाजार बंद कराकर ऋशिकेश- देहरादून मार्ग पर घंटों चक्काजाम किया। पुलिस द्वारा देहरादून में ही किशोरी का दाह संस्कार करा दिए जाने की सूचना पर दोपहर बाद भीड़ ने डोईवाला कोतवाली का घेराव कर दिया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वहीं, भागती भीड़ ने पुलिस पर पत्थरों की बौछार कर दी। घटना में एक पुलिसकर्मी समेत कई लोगों को चोटें आई हैं। दूसरी ओर, पुलिस ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है।

शनिवार को फांसी के फंदे पर लटका मिला था शव

घटनाक्रम के अनुसार, बीते शनिवार को डोईवाला कोतवाली क्षेत्रांतर्गत कुड़कावाला में सुसवा नदी के नजदीक स्थित एक स्टोन क्रशर में चार लड़कों ने कूड़ा बीनने वाली दो नाबालिग लड़कियों को चोरी के शक में पकड़ लिया। इनमें एक किशोरी मौके से भाग गई, जबकि दूसरी को उन्होंने पकड़ कर कमरे में बंद कर दिया। कुछ समय बाद उक्त 13 वर्षीय किशोरी कमरे में फांसी के फंदे पर लटकी पाई गई। पुलिस का दावा है कि किशोरी ने आत्महत्या की। वहीं, जब घटना की सूचना पर परिजनों समेत काफी क्षेत्रवासी मौके पर पहुंच गए। पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू की। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद, भाजपा और बजरंग दल से जुड़े लोग भी मौके पर पहुंच गए। स्टोन क्रशर संचालक और किशोरी अलग-अलग समुदायों से होने के चलते देर रात तक हंगामे की स्थिति बनी रही।

रविवार को हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता और केशवपुरी बस्ती के लोग बड़ी संख्या में डोईवाला चौक पहुंचे और देहरादून- ऋषिकेश राजमार्ग पर धरना देकर चक्काजाम कर दिया। इसके साथ ही डोईवाला चौक, देहरादून रोड, रेलवे रोड, शुगर मील रोड और ऋषिकेश रोड की दुकानें भी बंद करा दी गईं। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष राकेश सिंह, जिला मंत्री अजय सिंह, बजरंग दल के विभाग संयोजक नरेश उनियाल, जिला सह-संयोजक अविनाश सिंह व भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र तड़ियाल आदि कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि किशोरी के साथ कुछ गलत हुआ है, जिसके चलते आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी। प्रदर्शनकारी मामले में आरोपी पक्ष के विरूद्ध कानूनी के साथ ही बुलडोजर एक्शन की मांग कर रहे थे। इस बीच, कई थानों का फोर्स मौके पर बुला लिया गया था।

घंटों लंबे चक्का जाम के बाद दोपहर को प्रदर्शनकारियों को जानकारी हुई कि पुलिस पोस्टमार्टम के बाद उसका देहरादून में ही दाह संस्कार करा रही है, तो उनका आक्रोश और भड़क गया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने डोईवाला कोतवाली को घेर लिया।

इस बीच, कोतवाली के भीतर क्षेत्रीय विधायक बृजभूषण गैरोला और प्रदर्शनकारी नेताओं के बीच जमकर वाद-विवाद हुआ।विधायक पुलिस की कार्रवाई को संतोषजनक बताते हुए चक्का जाम पर आपत्ति जता रहे थे। इसका प्रदर्शनकारी नेताओं ने कड़ा प्रतिवाद किया। अभी दोनों पक्षों में गरमा-गरमी चल ही रही थी कि तभी कोतवाली के बाहर भगदड़ जैसे हालात बन गए। भाग रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस भी दौड़ाने लगी, तो दूसरी तरफ से पत्थर आने शुरू हो गए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
पुलिस ने भीड़ को केशवपुरी तक खदेड़ दिया।

जिसके बाद बस्तीवासियों ने खुद पीछे होते हुए नाबालिगों को आगे कर दिया। इन नाबालिगों ने बस्ती को जाने वाले मार्ग पर दो तरफ से पुलिस को घेरकर पथराव कर दिया। पथराव इतना जबरदस्त था कि नाबालिग किशोरों ने वहां से पुलिस को पीछे भागने पर मजबूर कर दिया।

इस दौरान उन्हें पथराव करते किशोरों की खदेड़ने के प्रयास में एक पुलिसकर्मी सड़क पर गिरकर बुरी तरह जख्मी हो गया, जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। पुलिस लाठीचार्ज में भी कई लोगों को चोटें आई, लेकिन वे अस्पताल जाने के बजाय अपने घरों को चले गए। करीब एक घंटे बाद हालात सामान्य हुए।

जांच के लिए सीओ की अगुआई में एसआईटी गठित

उधर, शाम को किशोरी के शव का देहरादून के लक्खीबाग में पुलिस पहरे में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले कोरोनेशन अस्पताल में महिला चिकित्सक समेत डॉक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम किया। एसएसपी अजय सिंह ने कोरोनेशन पहुंचकर मृतका के परिजनों से बात की। पुलिस का दावा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी तरह के सेक्सुअल एसाल्ट अथवा शारीरिक चोट की पुष्टि नहीं हुई है।

हालांकि, परिजनों की तहरीर के आधार पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना की विभिन्न पहलुओं से विस्तृत जांच के लिए पुलिस ने ऋषिकेश के सीओ के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है, जिसमें स्थानीय पुलिस, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, एसओजी और फील्ड यूनिट के प्रभारियों को शमिल किया गया है।