निर्विरोध विजेता घोषित की गई प्रतिनिधि का प्रमाणपत्र हाईकोर्ट ने किया निरस्त, अब होगा चुनाव!

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कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सीता देवी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दरअसल रिटर्निग अधिकारी ने उनके नामांकन पत्र में खामी बताते हुए खारिज कर दिया था, और सरिता नकोटी को निर्विरोध विजेता घोषित कर प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया था। अब HC ने सीता देवी के नामांकन को मंजूर करते हुए उन्हें चुनाव चिन्ह जारी करने का निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया है.

देहरादून। टिहरी जनपद के जौनपुर ब्लॉक के भुत्सी जिला पंचायत वार्ड से जुड़े चुनावी मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाते हुए कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सीता देवी का नामांकन वैध घोषित किया और निर्वाचन अधिकारी को उन्हें चुनाव चिह्न (सिंबल) जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले को कांग्रेस ने “सत्य और न्याय की जीत” बताया है, वहीं भाजपा और जिला प्रशासन असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं।

जिला पंचायत चुनाव में भुत्सी वार्ड से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सीता देवी का नामांकन रिटर्निंग ऑफिसर ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनके अदेयता प्रमाणपत्र (सहकारिता) को वैध नहीं माना जा सकता। इस निर्णय के बाद भाजपा समर्थित सरिता नकोटी निर्विरोध विजेता घोषित कर दी गई थीं और उन्हें विधिवत जीत का प्रमाणपत्र भी दे दिया गया था। इस निर्णय के खिलाफ सीता देवी ने नैनीताल हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए रिटर्निंग ऑफिसर के निर्णय को गलत करार दिया और सीता देवी को चुनाव चिह्न जारी करने का आदेश जारी किया।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने इसे चुनाव आयोग और राज्य सरकार की “साजिश की हार” बताया।

पार्टी के जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि यह निर्णय साबित करता है कि चुनाव अधिकारी और प्रशासन भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। उन्होंने डीएम को कोर्ट का आदेश सौंपकर सीता देवी को सिंबल जारी कर 24 जुलाई को मतदान कराने की मांग की है।

इस मामले ने प्रशासन को दुविधा में डाल दिया है। चूंकि रिटर्निंग ऑफिसर पुष्पेंद्र सिंह चौहान द्वारा पहले ही सरिता नकोटी को जीत का प्रमाणपत्र जारी किया जा चुका है, ऐसे में यदि वह प्रमाणपत्र वापस नहीं करतीं, तो चुनावी प्रक्रिया को लेकर कई कानूनी और तकनीकी प्रश्न खड़े हो गए हैं।

जिला निर्वाचन अधिकारी निकिता खंडेलवाल ने कहा:

> “हाईकोर्ट के आदेश का अवलोकन किया जा रहा है और राज्य निर्वाचन आयोग से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। जो भी निर्देश मिलेंगे, उसका अक्षरशः पालन किया जाएगा।”

24 जुलाई को पहले चरण का मतदान होना है। यदि सीता देवी को सिंबल जारी कर चुनाव में शामिल किया जाता है तो भुत्सी वार्ड में चुनाव करवाना पड़ेगा, अन्यथा मामला कानूनी पेंच में फंसा रहेगा।

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल ने कहा:

“कोर्ट के निर्णय का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। आयोग इस पर जल्द ही स्पष्ट निर्देश जारी करेगा।”