काले कानूनों से मंडिया बंद और करोड़ों लोग हो जाएंगे बेरोजगार: टिकैत

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देहरादून। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने रविवार को डोईवाला में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि किसान बिल्कुल निश्चिंत रहें उनके साथ धोखा नहीं होगा। संयुक्त किसान मोर्चा जो निर्णय लेगा, भाकियू उसी के साथ हैं।

उन्होंने कहा सरकार की तरफ से उन्हें कई प्रकार के ऑफर आए, लेकिन हमने सरकार को साफ बता दिया है कि वह सिर्फ किसान संघर्ष मोर्चा के साथ हैं। चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों के आंदोलन की बदौलत ही भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं का सामाजिक बहिष्कार शुरू हो गया है। केंद्र की पूर्ण बहुमत की सरकार में सरकार ही कैद है इन काले कानूनों से मंडियां बंद हो जाएंगी, जिससे सात करोड़ लोगों की आजीविका प्रभावित होगी और बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा। चौधरी नरेश टिकैत ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री को दस हजार हत्याओं का दोषी बताया और कहा कि गोधरा कांड इसका जीता जागता उदाहरण है। चौधरी नरेश टिकैत ने सरकार को किसानों को ना छेड़ने की चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों को आंदोलन के दौरान छेड़ा गया तो भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं होगा और उनकी विचारधारा से जुड़े लोगों को दिक्कत होगी।

टिकैत ने कहा कि किसानों को इस आंदोलन में सक्रिय रहने के लिए जरूरी बताया कहा कि यह किसानों के सम्मान की लड़ाई है। चौधरी नरेश टिकैत ने इस दौरान यह भी कहा कि यह सरकार चालबाजों की सरकार है वर्ष 2013 में इन्होंने दंगे कराए थे जिसमें बहुत लोग इनकी चाल में फंस गए थे। लेकिन अब वह सब कुछ समझते हैं। चौधरी नरेश टिकैत ने सरदार कौम को बहादुर और वफादार कौम बताया।

हरियाणा के किसान नेता अभिमन्यु कोहार ने कहा कि किसानों की लड़ाई मान सम्मान की लड़ाई है और वह सिर कलम कराने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अब यह लड़ाई एमएसपी लागू करने और काले कानूनों को वापस कराने की नहीं बल्कि पगड़ी की लड़ाई है यह सरकार हिंदू,मुसलमान,सिख, ईसाई के बीच लड़ाई कराती है लेकिन उन्होंने साफ शब्दों में कहां की सरदार कभी गद्दार नहीं हो सकता। संघी कभी वफादार नहीं हो सकता। देश के प्रधानमंत्री मोदी देश को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ रोजगार देने का और 15 लाख देने का वादा किया था, जो बिल्कुल झूठा निकला। उन्होंने कहा सरकार 23 फसलों को एमएसपी पर खरीदने का कानून बनाएं, साथ ही उन्होंने सरकार के साथ हुई ग्यारह मीटिंग का ब्यौरा देते हुए कि मीटिंग में सिर्फ किसानों को गुमराह करने की बात हुई। सरकार की नियत और नीति में बहुत फर्क है। उन्होंने विश्व के 36 देशों के रिपोर्ट के आधार पर भारत में किसानों को 4500000 करोड रुपए दिए जाने की बात कही।

उधम सिंह नगर से आए किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन सिर्फ किसानों और मजदूरों का ही नहीं है। इन काले कानूनों में लड़ाई पशुपालकों,सब्जी बेचने वालों, छोटे दुकानदारों के लिए भी है। साथ ही कहा कि जिस व्यक्ति के साथ पेट जुड़ा हुआ है उस व्यक्ति के लिया यह लड़ाई है उन्होंने मोदी सरकार को अडानी के चश्मे से पूरे देश को देखने की बात कही और कहा कि इन काले कानूनों से पूरे देश के किसानों का नुकसान और चंद उद्योगपतियों को ही फायदा मिलेगा।

कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र सिंह खालसा और उमेद बोरा ने किया। महापंचायत को ओमप्रकाश, कमरुद्दीन, अब्दुल रज्जाक, मोहित उनियाल, सागर मनवाल, भारत भूषण पहले शमशेर अली आदि ने संबोधित किया। महापंचायत में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गुरदीप सिंह, किसान चिंतक,कमल मित्तल,राजीव बालियान,ईश्वर चंद्र पाल, संजय शर्मा, बुद्धदेव सेमवाल,धर्मेंद्र चौधरी दलजीत सिंह, रणजीत बॉबी जाहिद अंजुम, सुबोध उनियाल, सुबोध जायसवाल, राहुल सैनी मनोज नौटियाल, इस्लामुद्दीन, प्रमोद कपूर खान, अमित मनवाल, हाजी अमीर हसन, सुरेंद्र सिंह सजवान, अंशुल त्यागी, शुभम कांबोज, जसविंदर सिंह, जसवंत सिंह, फुरकान अहमद कुरेशी, हरेंद्र बालियान, गुरविंदर सिंह, गोपी राहुल खरोरा, कमल प्रताप सिंह गौरव मल्होत्रा, प्रमोद कपूर, विमल प्रकाश आदि मौजूद रहे।

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