देहरादून। उत्तराखंड में 70 घंटे से अधिक समय से सिस्टम बेबस है। ये हालात साइबर अटैक के चलते बने हैं। जिसमे सुधार के लिए सरकारी अमले ने पूरी ताकत झोंक दी बावजूद इसके अभी कामयाबी नहीं मिल पाई है। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) साइबर हमले से बाहर निकलने की जद्दोजहद में जुटा है। 70 घंटे से अधिक समय से सभी सरकारी वेबसाइट्स और मोबाइल एप बंद हैं। आईटीडीए के साथ ही राज्य व केंद्र की विशेषज्ञ टीमें बचाव में लगी हुई हैं। सोमवार को आईटीडीए सभी वेबसाइटों का ट्रायल रन शुरू हो सकता है।
प्रदेश का लगभग पूरा सरकारी सिस्टम इस हमले के सामने बेबस बना हुआ है। 70 घण्टे बीत जाने के बाद भी उत्तराखंड के एक्सपर्ट इस ब्रेकडाउन को अभी तक ठीक नहीं कर पाये है, जो कि अपने आप में हैरत वाली बात है। इस तथाकथित साइबर अटैक पर सरकार का कोई बयान न आना भी लोगों के गले नहीं उतर रहा है। क्या हालत है और कब तक पूरा सिस्टम रिस्टोर हो पायेगा अभी भी कुछ पता नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) साइबर हमले से बाहर निकलने की कोशिशों में लगा हुआ है। 70 घंटे से अधिक समय से सरकारी वेबसाइट्स और मोबाइल एप पूरी तरह से ठप्प पड़े है।


आईटीडीए के साथ ही राज्य व केंद्र की एक्सपर्ट्स इससे निकलने की जद्दोजहद में लगे है लेकिन समय बीतता जा रहा है सफलता नहीं मिल रही है। अब बताया जा रहा है कि शनिवार को आईटीडीए सभी वेबसाइटों का ट्रायल करने की कोशिश करेगा।
इस तथाकथित साइबर हमले से सूबे का पूरा आईटी सिस्टम पूरी तरह से मृत हो गया था। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया, राज्य के अलावा केंद्रीय एजेंसियों के विशेषज्ञ भी इसका हल ढूढ़ने में लगे है। केंद्रीय एजेंसियां के एक्सपर्ट भी इस ब्रेकडाउन के सोर्स का पता लगाने की कोशिश कर रही है। एक्सपर्ट्स का दावा है कि अभी तक पूरा डाटा सुरक्षित है। शासन ने पहले ही शुक्रवार को खुद ही सबकुछ बंद कर दिया था। सचिवालय समेत किसी भी सरकारी दफ्तर में ई-ऑफिस ने काम नहीं किया।









