उम्मीद पोर्टल ठप होने से वक़्फ़ संपत्ति रजिस्ट्रेशन प्रभावित

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वक्फ बोर्ड चेयरमैन शादाब शम्स केंद्र को भेजेंगे चिट्ठी, समय सीमा बढ़ाने की करेंगे मांग

देहरादून। केंद्र सरकार द्वारा वक़्फ़ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए उम्मीद पोर्टल में कई दिनों से आ रही तकनीकी खराबी ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को लगभग ठप कर दिया है। इसके चलते अंतिम तिथि नजदीक होने के बावजूद वक़्फ़ संपत्तियों का पंजीकरण बेहद धीमी गति से हो रहा है।

वक़्फ़ बोर्ड के अधीन आने वाली सैकड़ों संपत्तियों की जानकारी अपलोड करने का कार्य इन दिनों अपने अंतिम चरण में होना चाहिए था, लेकिन पोर्टल की तकनीकी खराबी के चलते अधिकारी और संबंधित लोग गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं।

सरकार द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि 04 दिसंबर नजदीक आ चुकी है, और ऐसे में तकनीकी खामी ने सभी संबंधित पक्षों की चिंताएँ और बढ़ा दी हैं। यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरती, तो बड़ी संख्या में वक़्फ़ संपत्तियाँ समय पर पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पाएंगी। इससे न सिर्फ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया प्रभावित होगी बल्कि आगे चलकर इन संपत्तियों से जुड़े प्रशासनिक और कानूनी मामलों में भी दिक्कतें उत्पन्न हो सकती हैं।

रूड़की के एक वक़्फ़ प्रबंधक तनवीर आलम का कहना है कि वे लगातार फाइल अपलोड करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सिस्टम हर बार त्रुटि दिखा रहा है। इसके अलावा कलियर निवासी लुकमान अहमद, धारचूला से दिलशाद अहमद, बिजनौर से सैयद मोहम्मद मोनिश हसन समेत कई लोगों ने शिकायत दर्ज कराते हुए पोर्टल में सुधार की मांग की है।

उधर, अंतिम तिथि को देखते हुए वक़्फ़ बोर्ड से जुड़े अधिकारी भी केंद्र सरकार से पोर्टल की तकनीकी समस्या जल्द से जल्द हल करने या फिर रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध करेंगे।

वक्फ से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर पोर्टल समय पर सुचारू नहीं हुआ, तो बड़ी संख्या में वक़्फ़ संपत्तियाँ उम्मीद पोर्टल पर दर्ज होने से वंचित रह जाएँगी, जिससे भविष्य में कई जटिलताएँ सामने आ सकती हैं।

वहीं, उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने पोर्टल की इस गंभीर समस्या की जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को भेज दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही तकनीकी समस्या का समाधान होने की उम्मीद है ताकि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सामान्य रूप से आगे बढ़ सके।

शम्स ने बताया कि पोर्टल में आ रही तकनीकी खामी के चलते अभी तक लगभग 20 प्रतिशत वक़्फ़ संपत्तियों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया है, जबकि 04 दिसंबर अंतिम तिथि है। ऐसे में बड़ी संख्या में संपत्तियाँ रजिस्ट्रेशन से छूट जाने का खतरा बढ़ गया है।

उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यदि पोर्टल की समस्या समय पर दूर नहीं हुई, तो बहुत-सी वक़्फ़ संपत्तियाँ वक़्फ़ माफियाओं के कब्जे में जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया वक़्फ़ संपत्तियों को सुरक्षित रखने और अनधिकृत कब्जों को रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

चेयरमैन शादाब शम्स ने बताया कि वे जल्द ही केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री से मुलाकात करेंगे और न केवल समस्या के त्वरित समाधान का अनुरोध करेंगे, बल्कि रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ाने की भी मांग रखेंगे, ताकि सभी वक़्फ़ संपत्तियाँ समय पर और सही तरीके से पोर्टल पर दर्ज की जा सकें।