अस्तित्व टाइम्स
उच्च शिक्षा सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने कुलसचिव और निदेशक को दिए निर्देश
एक फरवरी से लागू हो जाएगी व्यवस्था, सख्ती से कराया जाएगा पालन, पोर्टल पर ही मिलेगी अवकाश की स्वीकृति
देहरादून। प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों, सहायता प्राप्त अशासकीय और निजी महाविद्यालयों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति का विवरण समर्थ पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अंकित करना होगा। साथ ही इसे नियमित अपडेट किया जाएगा। आगामी एक फरवरी से अन्य किसी माध्यम से अवकाश को स्वीकृति नहीं दी जा सकेगी। ऐसा नहीं होने पर इसे शासन के निर्देशों का उल्लंघन मानकर कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने इस संबंध में सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और उच्च शिक्षा निदेशक को आदेश जारी किए हैं।
प्रदेश में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए केंद्र सरकार के समर्थ पोर्टल को उपयोग में लाया जा रहा है। पोर्टल के माध्यम से दो वर्षों से राजकीय विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध राजकीय एवं सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया संपादित की जा रही है। यद्यपि, पोर्टल में अन्य कई माड्यूल भी हैं, जिनसे शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों और विद्यार्थियों की उपस्थिति पर नजर रखी जा सकती है। शिक्षकों समेत विभाग में कार्यरत कार्मिकों के अवकाश को स्वीकृति की व्यवस्था भी इन माड्यूल में की गई है। यह पूरी व्यवस्था आनलाइन है। इससे कामकाज में पारदर्शिता आती है। इसे तेजी से संपादित किया जा सकता है। उच्च शिक्षा विभाग ने समर्थ पोर्टल को ऐसे माड्यूल के साथ अपनाया है।
समर्थ पोर्टल के उपस्थिति एवं समय सारिणी माड्यूल (क्लास रूम माड्यूल) शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की प्रतिदिन की बायोमीट्रिक उपस्थिति का विवरण अपलोड करने का प्रविधान है। इसके माध्यम से संबंधित विषय के शिक्षकों के पाठ्यक्रम अध्यापन की स्थिति का आकलन किया जा सकता है। उच्च शिक्षा सचिव डा सिन्हा ने इस माड्यूल के साथ एलुमनाई माड्यूल को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए हैं। अवकाश स्वीकृति अनिवार्य रूप से पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। कार्मिकों का प्रोफाइल भी अपडेट किया जाएगा।
आदेश में कहा गया है कि भविष्य में होने वाली करियर एडवांसमेंट एवं पदोन्नति प्रक्रिया भी अनिवार्य रूप से पोर्टल के माध्यम से होगी। उन्होंने कहा कि समर्थ पोर्टल के माड्यूल संब लागू करने से विभाग, विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के डाटा में एकरूपता आएगी। साथ ही व्यवस्था का प्रबंधन बेहतर ढंग से होगा। इसमें अनावश्यक खर्च भी नहीं हो सकेगा। उन्होंने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को इस व्यवस्था के लिए अनिवार्य रूप से नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। सचिव ने कहा कि शासन के निर्देशों का हर हाल में पालन करना होगा, अन्यथा संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।