अस्तित्व टाइम्स
देहरादून। चमोली के माणा में ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे में आज दो और श्रमिकों के शव बरामद हो गए हैं जिसके बाद वहां मृतकों की संख्या 6 हो गई है। माणा में हुए भारी हिमस्खलन के बाद सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। अभी तक 52 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें से 6 की मौत हो चुकी है। चमोली प्रशासन के अनुसार, हिमस्खलन में पहले 55 मजदूरों के फंसे होने की सूचना थी, लेकिन अब सामने आया है कि एक मजदूर सुनील कुमार दुर्घटना से पहले ही घर जा चुका था। उसके परिवार ने भी इसकी पुष्टि की है। अभी दो श्रमिक लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस बीच, खोज एवं बचाव अभियान में मदद के लिए सेना ने दिल्ली से ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बौरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम भेजा है, जो एमआई-17 हेलीकॉप्टर से जोशीमठ पहुंच गया है।
चमोली हादसा: चार मजदूरों की मौत, 50 का रेस्क्यू शेष की तलाश जारी
देहरादून। भारतीय सेना और IBEX ब्रिगेड की बचाव टीम द्वारा माणा क्षेत्र में हिमस्खलन से प्रभावित इलाके में बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन दुर्भाग्य से 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शेष 5 लापता मजदूरों को बचाने के लिए तलाशी और बचाव अभियान जारी है।
सड़कें अवरुद्ध होने के कारण सेना ने 06 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, जिनमें भारतीय सेना विमानन के 3 चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के 2 चीता हेलीकॉप्टर और एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल हैं। घायलों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जा रहा है। वरिष्ठ सेना अधिकारी व्यक्तिगत रूप से दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। यह ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में युद्धस्तर पर जारी है, सेना और बचाव दल अपने प्रयासों में जुटे हुए हैं।
भारी बर्फबारी के बाद टूटा ग्लेशियर, BRO और जिला प्रशासन की टीम मौके पर
एसडीआरएफ ने हाई एल्टीट्यूड की अपनी टीम को अलर्ट पर रखा, कमांडेंट अर्पण यदुवंशी के निर्देश पर 10 सदस्यीय टीम राहत कार्य के लिए रवाना
देहरादून। प्रदेश के चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम के समीप स्थित माना गांव के पास एक ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हुआ है। इस दुर्घटना में सीमा सड़क संगठन (BRO) के ठेकेदार के तहत काम कर रहे 57 मजदूर मलबे में दब गए। अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि अन्य मजदूरों की तलाश जारी है। आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि सभी को सुरक्षित निकालने और मार्ग खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं।
इस घटना ने 2021 में चमोली जिले में हुए एक अन्य ग्लेशियर हादसे की यादें ताजा कर दी हैं, जब ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मची थी और कई लोगों की जान गई थी। वर्तमान में, राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें शामिल हैं। क्षेत्र में मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, बचाव दल मलबे में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।