देहरादून। राजधानी देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल में शनिवार देर रात छात्रों द्वारा की गई अर्धनग्न पार्टी और डीजे की तेज आवाज पर डांस के मामले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए 01 छात्र को हॉस्टल से निष्कासित कर दिया है, जबकि अन्य छात्रों पर पांच पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
प्राचार्य डॉ गीता जैन ने कहा कि “मेडिकल कॉलेज कोई नाइट क्लब नहीं है। अनुशासन भंग करने वाले किसी भी छात्र को बख्शा नहीं जाएगा।” लिहाजा, पार्टी आयोजित करने वाले छात्र पर 10 हजार रुपए का जुर्माने लगाने के साथ ही हॉस्टल से निष्कासित किया गया है।
वायरल वीडियो
घटना 11 अक्टूबर की रात करीब दो बजे की है। देर रात हॉस्टल परिसर में डीजे की तेज आवाज, अर्धनग्न डांस और हुड़दंग का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखा कि जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो कुछ छात्रों ने विरोध और अभद्रता भी की।
शिकायत पर चीता पुलिस की टीम हॉस्टल पहुंची और पूछताछ के बाद कमरा नंबर 409 में चल रही पार्टी का भंडाफोड़ किया। इस दौरान पुलिस की वीडियो रिकॉर्डिंग होते ही कुछ छात्रों ने आपा खो दिया और विवाद बढ़ गया। स्थिति बिगड़ने पर अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाना पड़ा।
जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
कॉलेज की जांच समिति ने फुटेज और बयानों के आधार पर पाया कि पार्टी में एक बाहरी व्यक्ति भी घुसा हुआ था, जो लगातार वीडियो बना रहा था। यही व्यक्ति न्यूरो सर्जन डॉ. अमित से बदतमीजी करते हुए उनका कॉलर पकड़ बैठा। समिति ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता और सुरक्षा चूक करार दिया।
सुरक्षा कर्मियों पर भी गिरी गाज
प्राचार्य डा. गीता जैन ने कहा कि घटना में सुरक्षा की चूक साफ नजर आई है। इसके चलते गार्ड कमांडर को पद से हटाने और ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को हॉस्टल में आगे ड्यूटी न देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही वार्डन और सुरक्षा प्रभारी को कड़ी चेतावनी दी गई है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
डॉक्टर से अभद्रता पर एफआईआर के आदेश
कॉलेज प्रशासन ने न्यूरो सर्जन डॉ. अमित के साथ अभद्रता करने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। प्राचार्य ने कहा, “मेडिकल कॉलेज परिसर में इस तरह की हरकतें न केवल संस्थान की साख को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि चिकित्सा पेशे की मर्यादा को भी धूमिल करती हैं। ऐसे छात्रों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।”
मेडिकल कॉलेज प्रशासन का सख्त रुख
प्राचार्य ने सभी छात्रों को चेताया है कि अकादमिक संस्थानों को अनुशासन और मर्यादा के दायरे में ही रहना होगा। उन्होंने कहा, “हमारे हॉस्टल पढ़ने और रहने की जगह हैं, पार्टी या डांस क्लब नहीं। कोई भी छात्र नियम तोड़ेगा तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।”
कॉलेज की साख दांव पर
यह घटना न सिर्फ मेडिकल शिक्षा की गंभीरता पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि हॉस्टल प्रबंधन की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है। कॉलेज प्रशासन अब इस मामले को उदाहरण बनाकर आगे किसी भी अनुशासनहीनता से बचने की सख्त नीति के अपनाने जा रहा है।
देहरादून। राजधानी के प्रतिष्ठित दून मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे पोस्ट -ग्रेजुएट (PG) मेडिकल छात्र- छात्राओं के एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया है, जिसमें वे न सिर्फ नशे की हालत में थिरकते दिख रहे हैं, बल्कि कई अर्धनग्न अवस्था में नजर आ रहे हैं। यह घटना शनिवार रात की बताई जा रही है, जब अस्पताल परिसर के पीजी हॉस्टल में जमकर शराब पार्टी हुई।
वायरल वीडियो में दिख रही घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि जो छात्र आगे चलकर देश का भविष्य संवारने वाले डॉक्टर बनने वाले हैं, उनके ऐसे आचरण से समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस घटना ने मेडिकल शिक्षा के दौरान छात्रों के आचरण और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तत्परता दिखाई। कोतवाली नगर के थाना प्रभारी प्रदीप पंत के अनुसार, “रात को हॉस्टल से तेज आवाज में डीजे बजने की सूचना मिलने पर हमने तुरंत कार्रवाई की। पहले चीता पुलिस की टीम को भेजा गया, लेकिन जब छात्र नहीं माने तो कोतवाली की टीम ने जाकर डीजे बंद करवाया और सभी को सख्त चेतावनी दी।”
पुलिस ने बताया कि रविवार की सुबह सीनियर डॉक्टरों की मौजूदगी में सभी शामिल छात्र- छात्राओं को थाने बुलाकर उनसे पूरा ब्यौरा लिया गया और भविष्य में ऐसा न दोहराने की लिखित चेतावनी दी गई।
कॉलेज प्रशासन नहीं कर पाया कोई जवाब
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाला पहलू कॉलेज प्रशासन की चुप्पी रही। इस मामले पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गीता जैन और डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एनएस बिष्ट समेत हॉस्टल के वार्डन से बातचीत के कई प्रयास विफल रहे। उनमें से किसी ने भी फोन उठाकर इस संवेदनशील मामले पर कोई जानकारी नहीं दी।
यह घटना मेडिकल शिक्षण संस्थानों में बढ़ रहे अनुशासनहीनता के चलते एक गंभीर बहस को जन्म दे रही है। अब सवाल यह है कि क्या केवल पुलिस की चेतावनी ही पर्याप्त है, या कॉलेज प्रशासन को भी अपने छात्रों के खिलाफ कोई कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए ?