पेट्रोल-डीजल की बढी़ कीमतों से सरकार के अच्छे दिन, 1.71 लाख करोड़ की कमाई की

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नई दिल्ली। महंगाई के बीच पेट्रोल डीजल की बढ़ रही रिकॉर्ड कीमतों से एक तरफ जहां आम आदमी दुखी है और उसकी की जेब पर लगातार बोझ बढ़ता ही जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ, सरकार को बढ़ती कीमतों से जबरदस्त फायदा हो रहा है। पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क संग्रह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 33% बढ़ा है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. यदि कोविड-पूर्व के आंकड़ों से तुलना की जाए, तो पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क संग्रह में 79% की बड़ी वृद्धि हुई है।

वित्त मंत्रालय में लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले 6 माह में पेट्रोलियम उत्पादों पर सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 33% बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 1.28 लाख करोड़ रुपये रहा था. यह अप्रैल-सितंबर, 2019 के 95,930 करोड़ रुपये के आंकड़े से 79% अधिक है. पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम उत्पादों से सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह 3.89 लाख करोड़ रुपये रहा था।2019-20 में यह 2.39 लाख करोड़ रुपये था।

माल एवं सेवा कर यानि जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद सिर्फ पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस पर ही उत्पाद शुल्क लगता है. अन्य उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी लगता है।