मौलाना के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर। नम आंखों से दी अंतिम विदाई,

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एस फातिमा एजुकेशन सोसाइटी के महाप्रबंधक एवं मेंबर मुस्लिम वर्ल्ड लीग प्रतिनिधि मुस्लिम वर्ल्ड काउंसिल इस्लामिक सोसायटी और मलेशिया से गोल्ड मेडलिस्ट एस फातिमा पब्लिक स्कूल के प्रबंधक मशहूर आलिम-ए-दीन हजरत मौलाना नवाब हसन नदवी का शनिवार- रविवार की रात्री दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके इंतकाल की खबर जैसे ही आसपास के क्षेत्र में लगी तो पूरा क्षेत्र शोक की लहर में डूब गया।
51 वर्षीय मौलाना क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखते थे। अपनी जिंदगी को कौम-ओ-मिल्लत की खिदमत के लिए सर्फ कर दिया तमाम लोग उनसे धार्मिक मामलों में परामर्श भी लेते थे। उनका मानना था कि शिक्षा बहुत जरूरी है, इसलिए कि शिक्षा के माध्यम से ही इंसान, इंसान बनता है और एक अच्छा मुसलमान बनने के लिए सभी इंसानों के प्रति दिल में प्रेम होना जरूरी है। वह अपने सार्वजनिक भाषण, अपने व्यक्तित्व में साहस और राष्ट्रीय मुद्दों और शिक्षा के क्षेत्र में अहम राय देने के लिए जाने जाते हैं।
उनको गंगोह के बड़े कब्रिस्तान में रविवार को गमगीन माहौल में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनकी जनाजे की नमाज मुफ्ती खालिद सैफुल्लाह ने पढ़ाई। उनके निधन पर सामाजिक राजनीतिक व अन्य गनमान्य लोगों ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया।

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