देहरादून। राज्य कर विभाग ने त्योहारी सीजन में जीएसटी चोरी पर नकेल कसने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। संयुक्त आयुक्त श्याम सुंदर तिरूवा के निर्देशन में गठित तीन विशेष टीमों ने रुद्रपुर और गदरपुर के पटाखा व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर गहन छापेमारी की। कार्रवाई में भारी अनियमितताएं सामने आईं और मौके पर ही व्यापारियों से 40 लाख 68 हजार 300 रुपये का राजस्व जमा कराया गया।

राज्य कर आयुक्त सोनिका के आदेश और अपर आयुक्त राकेश वर्मा (कुमाऊं जोन रुद्रपुर) के मार्गदर्शन में 13 अक्टूबर को यह कार्रवाई की गई। संयुक्त आयुक्त (विभागीय अनुसंधान/प्रवर्तन) श्याम सुंदर तिरूवा ने टीमों को रुद्रपुर और गदरपुर में संचालित पटाखा व्यापारिक प्रतिष्ठानों की गहन जांच के निर्देश दिए थे।
डिप्टी कमिश्नर (वि.अनु,शा./प्रवर्तन) के नेतृत्व में गठित तीनों टीमों ने रुद्रपुर के तीन पानी और बिंदुखेड़ा क्षेत्र में दो प्रतिष्ठानों की तथा गदरपुर क्षेत्र में एक प्रमुख फर्म की जांच की। जांच के दौरान टीमों ने व्यापारियों के खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड, स्टॉक और जीएसटी इनवॉइस की जांच की। जांच में भारी अनियमितताएं और कर चोरी के संकेत पाए गए।

फर्मों के दस्तावेज़ों और वास्तविक स्टॉक में स्पष्ट अंतर मिलने पर विभागीय अधिकारियों ने मौके पर ही टैक्स की वसूली की। परिणामस्वरूप तीनों प्रतिष्ठानों से कुल ₹40.68 लाख का राजस्व तत्काल जमा कराया गया।विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि संबंधित फर्मों की वित्तीय गतिविधियों की आगे विस्तृत जांच की जाएगी और आवश्यकतानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस व्यापक अभियान में राज्य कर विभाग के 18 अधिकारी शामिल रहे। इनमें डिप्टी कमिश्नर ज्ञानचंद, रामलाल, राहुल वर्मा, असिस्टेंट कमिश्नर मो. जीशान मलिक, अनिल चौहान, संदीप अरोड़ा, राज्य कर अधिकारी मुकेश पांडे, विश्वजीत सिंह बिष्ट, चन्द्रनाहन सिंह नेगी, मनोज कुमार, मंजीत सिंह राणा, चन्द्रकला, आकांक्षा बोरा, निशा बिष्ट और स्वर्ग लता प्रमुख रूप से शामिल रहे। संयुक्त आयुक्त श्याम सुंदर तिरूवा ने कहा कि त्योहारी सीजन में व्यापारिक गतिविधियों की आड़ में टैक्स चोरी करने वालों पर विभाग सख्त नजर रखेगा। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत हर व्यापारी को पारदर्शी और वैधानिक व्यापार करना होगा। कर चोरी करने वालों के खिलाफ आगे भी इसी तरह की कठोर कार्यवाही जारी रहेगी।”

आगे और सघन जांच की तैयारी
विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में काशीपुर, रुद्रपुर, गदरपुर और हल्द्वानी क्षेत्र में त्योहारी कारोबारियों की स्टॉक और जीएसटी रिटर्न की गहन जांच की जाएगी। राज्य कर विभाग ने सभी व्यापारियों को आगाह किया है कि वे समय पर जीएसटी दाखिल करें और सही व्यापारिक विवरण दें, अन्यथा भारी जुर्माने और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है
देहरादून। दीपावली के त्योहार से पहले राजधानी दून में पटाखा कारोबारियों पर राज्य कर विभाग की नजरें पैनी हो गई हैं। बुधवार को विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसएआईबी) की टीमों ने शहर के कई पटाखा विक्रेताओं के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर बड़ी कर चोरी का पर्दाफाश किया। जांच में यह खुलासा हुआ कि व्यापारियों ने भारी मात्रा में माल भरा था, लेकिन रिकार्ड में उसका बहुत कम हिस्सा दिखाया जा रहा था।

अभियान आयुक्त राज्य कर सोनिका के निर्देश पर चलाया गया। अपर आयुक्त पान सिंह डुंगरियाल और संयुक्त आयुक्त अजय सिंह के नेतृत्व में गठित एसएआईबी की टीमों ने एक साथ पांच पटाखा विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर दबिश दी। टीमों को मौके पर ही कई अनियमितताएं मिलीं। पटाखों से भरे पड़े गोदामों में स्टॉक रजिस्टर से मेल नहीं खा रहे थे, बिल अधूरे थे और खरीदी-बिक्री के कई रिकार्ड गायब मिले।
प्रारंभिक जांच में लगभग 63 लाख रुपये की कर चोरी सामने आई है। कार्रवाई के दौरान राज्य कर विभाग ने व्यापारियों से मौके पर ही 28 लाख रुपये का कर जमा कराया, जबकि 35 लाख रुपये मूल्य के पटाखों का स्टॉक जब्त कर लिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि जब्त माल की कर देनदारी का परीक्षण किया जा रहा है और टैक्स मूल्यांकन के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। विभाग ने छापेमारी के दौरान कारोबारियों के वित्तीय दस्तावेज, बिल बुक, जीएसटी रजिस्टर और कंप्यूटर रिकॉर्ड भी कब्जे में लिए हैं। इन दस्तावेजों की गहन जांच अब की जाएगी ताकि कर चोरी की पूरी श्रृंखला का पता लगाया जा सके।

छापेमारी दल में उपायुक्त एसएआईबी/प्र. सुरेश कुमार, सहायक आयुक्त टीआर चन्याल, अमित कुमार और धर्मवीर सैनी सहित कई अधिकारी शामिल रहे। टीम ने बताया कि दीपावली से पहले कर चोरी और अवैध स्टॉकिंग के मामलों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
राज्य कर विभाग के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में पटाखा कारोबार में कर चोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं। दीपावली सीजन में भारी मुनाफा कमाने के चक्कर में व्यापारी स्टॉक छिपाने, नकली बिलिंग या बिना जीएसटी इनवॉइस के खरीद-बिक्री जैसी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह केवल शुरुआती कार्रवाई है। आगामी दिनों में दून, हरिद्वार, रुड़की और हल्द्वानी जैसे प्रमुख व्यापारिक शहरों में भी इसी तरह की छापेमारी अभियान चलाए जाएंगे। विभाग ने चेतावनी दी है कि कोई भी व्यापारी कर चोरी में लिप्त पाया गया तो जीएसटी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें भारी जुर्माना और लाइसेंस निलंबन भी शामिल है। इस कार्रवाई के बाद देहरादून के पटाखा बाजार में हड़कंप मच गया है। कई व्यापारी अपने स्टॉक और रिकार्ड व्यवस्थित करने में जुट गए हैं। वहीं, विभाग का कहना है कि यह अभियान तभी रुकेगा जब पटाखा व्यापार पूरी तरह पारदर्शी और कर-अनुरूप हो जाएगा।









