लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार विधायकों की निधि के इस्तेमाल करने की नियमावली में बदलाव करने जा रही है. पहले विधायक निधि के तीन करोड़ रुपये विधायक अपने तरीके से विकास कार्यों के लिये खर्च कर सकते थे. कोविड के दौरान सभी विधायकों की निधि कैंसिल के खर्च करने पर रोक लगा दी गयी थी. अब नयी व्यवस्था के तहत विधायक निधि में स्वीकृत राशि के बराबर की धनराशि विधायक की संस्तुति पर विकास कार्यों के लिये खर्च की जायेगी. यूपी सरकार ने नये बजट में इसके लिये 2000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि ‘कोरोना के बाद हमारी सरकार ने यह फैसला लिया है कि प्रदेश के विकास में विधान मंडल के सदस्यों के प्रत्यक्ष योगदान के लिए विधानमंडल क्षेत्रों में विकास कार्यो के लिए विधायकों को उनकी संस्तुति पर विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि के बराबर धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी, इसके लिए 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आपको बता दें कि पिछले साल ही उत्तर प्रदेश में विधायक निधि बढ़ गई थी. विधायक निधि को दो से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये सालाना कर दिया गया था. इससे एक साल पहले यानी 2019 में भी योगी सरकार ने विधायक निधि को डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दिया था. यानी योगी सरकार में दो बार विधायक निधि बढ़ाई गई थी।
हालांकि, 2020 में विधायक निधि को 2 से 3 करोड़ रुपये किए जाने के बाद ही कोरोना का कहर शुरू हो गया और पूरे देश में लॉकडाउन लग गया. लॉकडाउन के कारण सरकारों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ. इस वजह से उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदेशों में विधायक निधि को स्थगित कर दिया गया था।