विमान पर घमासान: 9 दिन पहले सूचना के बाद भी गवर्नर कोश्यारी को प्लेन से नीचे उतारा

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मुंबई। महाराष्ट्र में सरकारी विमान से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को उतारे जाने को लेकर घमासान मच गया है। देहरादून जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को गुरुवार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। विमान में जाकर बैठ चुके गवर्नर को ऐन वक्त पर बताया गया कि प्लेन को उड़ने की मंजूरी उद्धव ठाकरे सरकार ने नहीं दी है, जबकि गवर्नर ऑफिस की ओर से बताया गया है कि 9 दिन पहले ही सरकार से मंजूरी मांगी गई थी। शिवसेना ने कहा है कि राज्यपाल किसी सरकारी कार्यक्रम में नहीं जा रहे थे, इसलिए उन्हें मंजूरी नहीं दी गई। वहीं, बीजेपी और एमएनएस ने इसे राज्यपाल का अपमान बताकर उद्धव ठाकरे सरकार को घेर लिया है। 

महाराष्ट्र गवर्नर के ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, ”आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे और सरकारी विमान में बैठ गए थे। इसके बाद राज्यपाल को बताया गया कि विमान के इस्तेमाल को लेकर अनुमति नहीं मिली है। इसके बाद एक कॉमर्शल फ्लाइल में तुरंत टिकट बुक किया गया और वह देहरादून के लिए निकले।”

राज्यपाल की ओर से यह भी बताया गया है कि 9 दिन पहले मंजूरी मांगे जाने के बाद भी अनुमति नहीं दिए जाने की जानकारी राज्यपाल को विमान में बैठने के बाद दी गई। राज्यपाल दफ्तर ने बयान में कहा, ”दौरे की तैयारी के तहत राज्यपाल सचिवालय ने महाराष्ट्र सरकार से 2 फरवरी 2021 को सरकारी विमान के इस्तेमाल के लिए मंजूरी मांगी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय को भी इसकी जानकारी दी गई थी।”
शिवसेना ने यूं किया बचाव-
इस मामले को लेकर संजय राउत ने सरकार का बचाव करते हुए कहा, ”पूरी महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री राज्यपाल का सम्मान करते हैं। जहां तक मेरी जानकारी है वह चमोली जा रहे थे। संवैधानिक पद पर होते हुए कोई निजी यात्रा के लिए सरकारी विमान का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। वह कोई निजी यात्रा पर जाना चाहते हैं तो निजी विमान का इस्तेमाल करना चाहिए।”

राउत ने राज्यपाल पर कैबिनेट के अपमान का आरोप लगते हुए कहा, ”राज्यपाल साहब ने एक साल से 12 नाम (विधान परिषद में मनोनयन के लिए) रोककर रखे हैं, जोकि गैर कानूनी है, संविधान के खिलाफ है। यह 10 मिनट का काम है, फाइल खोलो और साइन कर दो। आपको 15 मिनट फ्लाइट में बैठना पड़ा तो आपको लगता है कि यह ठीक नहीं हुआ, यह अपमान हुआ, लेकिन यदि कैबिनेट ने एक प्रस्ताव भेजा हुआ है तो आप रोककर रखे हैं, यह भी कैबिनेट का अपमान है।”

बीजेपी ने राज्यपाल को विमान से उतारे जाने को उनका अपमान बताते हुए उद्धव ठाकरे सरकार को घरा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्यपाल कोई आम शख्स नहीं, वह संवैधानिक पद पर हैं। यह घटना राज्य में एक ब्लैक चैप्टर है।” फडणवीस ने उद्धव सरकार को अहंकारी बताते हुए कहा, ”यह बचकाना काम है। यह बहुत अहंकारी सरकार है। राज्यपाल का पद इससे अधिक महत्वपूर्ण है कि कौन इस पर बैठा है। सरकार ने उनका अपमान करने के लिए जानबूझकर मंजूरी नहीं दी।” 
एमएनएस नेता बाला नांदगांवकर ने भी राज्य सरकार को घेरेत हुए कहा, ”जो कुछ हुआ वह बहुत बुरा है। महाराष्ट्र में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। राज्यपाल का पद संवैधानिक है और उनका सम्मान करना चाहिए। हालांकि, इसके साथ ही राज्यपाल को भी राज्य सरकार का सम्मान करना चाहिए। मुख्यमंत्री और राज्यपाल अहम पद हैं और दोनों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।