आश्रम हड़पने को महंत जी की हत्या कर गंगा में बहा दी लाश, चार महीने बाद खुला मामला, चार गिरफ्तार दो फरार

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देहरादून। पैसे और प्रोपर्टी के लालच में लोग इस कदर अंधे हो गए हैं कि वह इसके लिए धर्मगुरुओं की हत्या तक का पाप अपने सिर लेने से नहीं हिचकते हैं। शनिवार को हरिद्वार पुलिस ने एक ऐसे हत्याकांड का खुलासा किया है जिस की चार महीने तक पुलिस को भनक ही नहीं थी. हरिद्वार के कनखल में स्थित एक आश्रम की 10 करोड़ रुपए की कीमती प्रॉपर्टी हड़पने के लिए आश्रम के महंत रामगोविंद दास की एक जून को हत्या कर दी गई। आरोपियों ने पहले उन्हें नशे का इंजेक्शन लगाया। फिर गला घोंट कर मार डाला. लाश बोरे में बंद करके गंगा में बहा दी. हरिद्वार पुलिस ने इस केस में शनिवार को योगी रामगोपाल नाथ, अशोक, ललित और संजीव त्यागी को गिरफ्तार किया है. जबकि प्रदीप और सौरभ की तलाश जारी है।


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अशोक हरिद्वार में कपड़े बेचने आता था। इस दौरान वो अक्सर इसी आश्रम में रुकता था। अशोक को पता चला कि महंत रामगोविंद दास के पास करोड़ों का आश्रम है और उनका कोई वारिस भी नहीं है। अशोक ने अपने दोस्त को बुलाकर बाबा को योजनाबद्ध तरीके से मरवा दिया। फिर कानपुर, यूपी से योगी रामगोपाल नाथ उर्फ गोपाल सिंह को बुलाकर बाबा की गद्दी पर बैठा दिया। फिर ये गैंग सबको बताता रहा कि बाबा धर्म प्रचार के लिए अयोध्या गए हुए हैं।चार महीने बाद मृतक बाबा के एक पुराने चेले को बाबा की याद आई तो वो आश्रम मिलने आ गया.उसे किसी ने पूरी घटना बता दी.उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और पुलिस ने हत्यारों को पकड़ कर घटना का खुलासा किया।