नई दिल्ली। देश में कोरोना से हो रही तबाही को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने कुछ टैक्स कम्प्लायंस की समयसीमा को बढ़ाने का फैसला किया है। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा, “कोरोना का संक्रमण फैलने और टैक्सपेयर्स, टैक्स कंसल्टेंट्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स से कई निवेदन मिलने के मद्देनजर सरकार ने कुछ कम्प्लायंस की समयसीमा बढ़ा दी हैं।”
मिनिस्ट्री ने कहा कि इसका मकसद विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को हो रही मुश्किलों को कम करना है। इससे पहले सरकार ने टैक्सपेयर्स के लिए कम्प्लायंस को आसान बनाने के उपाय भी किए थे।
L&L पार्टनर्स के पार्टनर, सुमित मंगल ने कहा, “विभिन्न टैक्स कम्प्लायंस की समयसीमा बढ़ाना एक स्वागत वाला कदम है क्योंकि देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण हो रही तबाही से जूझ रहा है।” उन्होंने बताया कि कमिश्नर (अपील) के सामने अपील दाखिल करने की समयसीमा 31 मई तक बढ़ाई गई है, लेकिन फाइनल असेसमेंट ऑर्डर के अनुसार टैक्स डिमांड के भुगतान के लिए समयसीमा नहीं बढ़ी है।
इससे पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री ने डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास एक्ट, 2020 के तहत भुगतान के लिए समयसीमा को 30 जून, 2021 तक बढ़ाया था। इस एक्ट का मकसद इनकम टैक्स से जुड़े कानूनी विवादों को कम करना और सरकार के लिए समय पर टैक्स रेवेन्यू जुटाना है।
व्हाइट एंड ब्रीफ एडवोकेट्स के एसोसिएट पार्टनर, प्रतीक बंसल ने कहा कि GST कानून के तहत भी कम्प्लायंस के लिए समयसीमा में इसी तरह की छूट दिए जाने की जरूरत है। कुछ व्यापार संगठनों ने भी कोरोना के कारण हो रहे नुकसान को देखते हुए सरकार से टैक्स और कम्प्लायंस में छूट देने की मांग की थी