देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बनने वालों को अपना कार्यकाल शायद ही पूरा करने को मिलेगा। अब तक का रिकॉर्ड तो यही बताता है कि एक नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर कोई दूसरा ऐसा नेता सक्षम नहीं हो पाया जो अपना कार्यकाल पूरा कर ले। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अभी अपना कार्यकाल पूरा किए हुए 100 दिन ही हुए थे कि संवैधानिक कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी हाईकमान को सौंप दिया है। सूत्रों का कहना है कि कुछ ही देर में वे राज्यपाल उत्तराखंड के पास पहुंचेंगे और अपना इस्तीफा उन्हें सौंप देंगे।
बताया जा रहा है कि उपचुनाव ना होने के कारण उनके मुख्यमंत्री पद पर संवैधानिक संकट आ खड़ा हुआ था और क्यों की विधानसभा चुनाव होने में अब 1 साल से भी कम का समय रह गया था तथा उप चुनाव नहीं कराए जा सकते थे। ऐसे हालात में वह मुख्यमंत्री नहीं बने रह सकते थे और विपक्ष भी लगातार इस मुद्दे को लेकर प्रकार हो रहा था। 2 दिन से दिल्ली और उत्तराखंड के बीच राजनीति गर्मआ रही थी जिसका आज पटाक्षेप हो गया। अब उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भी कई नाम सामने आ रहे हैं जिनमें सबसे मजबूत नाम सतपाल महाराज और धन सिंह रावत हैं।
फिलहाल उत्तराखंड की राजनीति एक मजाक बनकर रह गई है और यहां मुख्यमंत्रियों को बदलना मौसम बदलने के समान हो गया है। बार-बार मुख्यमंत्री बदलने से भारतीय जनता पार्टी की विश्वसनीयता भी प्रदेश के अंदर प्रभावित हो रही है जिसका असर निश्चित तौर पर आने वाले चुनावों में भी पड़ेगा।
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