उत्तराखंड: फर्जी डिग्री से नौकरी करने वाले टीचर को पांच साल की कैद 10 हज़ार का जुर्माना

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देहरादून। प्रदेश के रुद्रप्रयाग जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां शिक्षा विभाग में फर्जी बीएड की डिग्री की बदौलत नौकरी पाने वाले को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 5 साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दोषी को पुरुसाडी जेल भेज दिया गया है।

रुद्रप्रयाग जिले के रहने वाले अरविन्द कुमार ने बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल की थी। शिक्षा विभाग की एसआइटी ने अरविन्द कुमार की बीएड की डिग्री का सत्यापन कराया। इसमें डिग्री को लेकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से शिक्षा विभाग को जांच आख्या मिली। इसमें विवि से कोई भी बीएड की डिग्री जारी नहीं करने की बात सामने आई।

शासन स्तर से एसआइटी जांच कराई गई, जिसमें डिग्री फर्जी पाई गई। इसके बाद शिक्षा विभाग रुद्रप्रयाग ने संबंधित शिक्षक अरविन्द कुमार के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया। अरविन्द कुमार को तत्काल निलंबित कर बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद से मामला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रहा था। सरकार की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी प्रमोद चन्द्र आर्य एवं विनीत उपाध्याय ने की।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी ने अरविन्द कुमार को फर्जी बीएड की डिग्री वर्ष 2002 के आधार पर छल व कपट से नौकरी प्राप्त करने के संबंध में दोषी करार देते हुए पांच साल की सज़ा के साथ ही 10 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।