कांग्रेस के गलत टिकट वितरण से खतरे में पड़ सकती हैं कई सीटे

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अस्तित्व टाइम्स

देहरादून। कांग्रेस पार्टी द्वारा नगर निगम देहरादून के वार्डों की जारी सूची में कई नाम अचंभित करने वाले हैं। इस सूची को देखकर प्रतीत होता है कि कई कार्यकर्ताओं द्वारा वरिष्ठ नेताओं पर लगाए गए भाई भतीजावाद एवं सेटिंग गेटिंग के आरोपों में कुछ तो सच्चाई है।

मसूरी विधानसभा के वार्ड नंबर 06 दून विहार में अनुपमा भारद्वाज को टिकट दिया गया है। जबकि इस सीट से कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष दीप सिंह चौहान अपनी पूर्व पार्षद पत्नी विनीता चौहान के लिए टिकट मांग रहे थे। उनके अलावा पिछले कई सालों से कांग्रेस के लिए काम कर रहे अनूप सक्सेना जैसे बड़े चेहरे को भी पार्टी ने नजर अंदाज कर दिया। अनूप सक्सेना 2018 के पिछला चुनाव मात्र 40 वोट से उस कंडीशन में हार गए थे जब मसूरी विधायक गणेश जोशी ने अपने प्रत्याशी के समर्थन में कई जन सभाएं कर माहौल बनाया था। ऐसे बड़े दावेदारों को नजर अंदाज कर कांग्रेस ने नए जुड़ी अनुपमा भारद्वाज को टिकट दिया है। कई स्थानीय निवासियों का कहना है कि भारद्वाज का क्षेत्र में कोई प्रभाव नहीं है। वह तो सिर्फ धनबल से सेटिंग कर टिकट लाए हैं। जबकि अनूप सक्सेना चुनाव हारने के बाद लगातार पिछले कई वर्षों से कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करते रहे है। उसके बावजूद उनका टिकट काटकर पार्टी ने इस सीट को खतरे में डाल दिया है। अब अनूप सक्सेना की पत्नी रीनू सक्सेना ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।

इसी प्रकार रायपुर विधानसभा के वार्ड 62 में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य पूर्व महानगर महामंत्री कांग्रेस राहुल पवार रोबिन को भी टिकट नहीं दिया गया है रॉबिन का क्षेत्र में बड़ा प्रभाव माना जाता है एवं युवाओं की एक बड़ी टीम भी उनके साथ जुड़कर समाज सेवा के कार्यकारी में लगी रहती है। यदि रॉबिन को टिकट दिया जाता तो रॉबिन अपने अड़ोस पड़ोस की दो-तीन सीटों पर भी अच्छा प्रभाव डाल सकते थे। अगर पार्टी ने रॉबिन की नाराजगी दूर नहीं की तो पार्टी प्रत्याशी को नुकसान होना तय है।

ऐसे ही रायपुर विधानसभा के वाणी विहार से पार्षद हुकुम सिंह गड़िया का टिकट काट दिया गया है जबकि वार्ड में उनकी स्थिति बहुत मज़बूत मानी जा रही थी। सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव लड़ चुके एक नेता जी वहां पर अपने समर्थक के लिए अड़े हुए थे जिसके चलते सिटिंग पार्षद के टिकट पर कैंची चला दी गई। अब निवर्तमान पार्षद हुकुम सिंह गड़िया यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमाएंगे। जिससे यह सीट भी अब खतरे में दिखाई दे रही है।

धर्मपुर विधानसभा की माजरा सीट है जिस पर पार्टी ने पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे जाहिद अंसारी पर दांव लगाया है। वर्ष 2013 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस से जीते रईस अंसारी का टिकट 2018 के चुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल से अनबन के चलते कट गया था। जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और मात्र 50 वोटो से हार कर दूसरे नंबर पर रहे थे जबकि जाहिद अंसारी लगभग 500 वोट लेकर तीसरे नंबर पर खिसक गए थे। अब यहां से रईस अंसारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। जिसके बाद यह सीट भी खतरे में पड़ गई है।

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