देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से उनके आवास पर मुलाकात कर चमोली के रैणी, तपोवन त्रासदी एवं गन्ना किसानों की समस्याओं से सम्बन्धित सुझाव पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि सीमान्त क्षेत्रों में निर्मित या निर्माणाधीन समस्त जल विद्युत परियोजनाओं का वर्तमान रैणी तपोवन आपदा के आलोक में पर्यावरणीय एवं तकनीकी आधार पर सुरक्षा आडिट कराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की स्थिति के कारण ग्लेशियर के व्यवहार में आ रहे परिवर्तन का अध्ययन और विश्लेषण करने के लिए सभी वैज्ञानिक संस्थानों की एक समिति बनाई जाय जो सरकार को समय-समय पर इस संदर्भ में सूचना व सलाह देती रहे तथा भविष्य में ऐसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार के पास सभी जल विद्युत परियोजनाओं का सुरक्षा प्लान उपलब्ध रहना चाहिए ताकि आपातकाल की स्थिति में राज्य सरकार की सुरक्षा ऐजेंसी आवश्यक बचाव कार्य कर सके जिसका रैणी तपोवन त्रासदी मे पूर्णतः अभाव दिखाई दिया है।
प्रतिनिधिमण्डल ने अवगत कराया कि चमोली के रैणी एवं मुनस्यारी के धापा जैसे गांव तत्काल विस्थापन की मांग कर रहे हैं इस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा पूर्व में चिन्हित अति संवेदनशील गांवों के विस्थापन हेतु केन्द्र सरकार को राज्य की ओर से सर्वपक्षीय ज्ञापन प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने कहा कि वर्तमान जलवायु परिवर्तन तथा विस्थापन जैसे विषय पर सर्वदलीय सहमति आधारित सुझावों के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री से मिलकर इस बडी समस्या के लिए एक वृहद्द कार्य योजना बनाने का अनुरोध राज्य सरकार की ओर से किया जाय।
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि एन.टी.पी.सी. द्वारा इस त्रासदी के मृतकों के आश्रितों को नौकरी दी जाय तथा प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए धनराशि आवंटित की जाये। अन्य बिन्दु में कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री का ध्यान गन्ना किसानों की समस्याओं की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि राज्य में गन्ने के मूल्य शीघ्र घोषित किये जाये ताकि किसान अपने उत्पाद के मिलने वाले मूल्य की जानकारी हांसिल होने पर आस्वस्त हो सकें तथा इकबालपुर चीनी मिल द्वारा लम्बे समय से गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया गया है जिस कारण किसान पीडित है इसलिए ऐसे सभी किसानों का शीघ बकाया भुगतान करवाकर राहत दी जाय। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के अन्य जिलों के भी सभी गन्ना किसानों को उनके बकाये का शीघ्र भुगतान करवाया जाये।
प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, प्रदेश महामंत्री गोदावरी थापली, प्रभुलाल बहुगुणा आदि शामिल थे।