चाय बागान ज़मीन प्रकरण : पूर्व भाजपाध्यक्ष चुफाल, रमेश भट्ट समेत कई खरीदारों को नोटिस जारी, देखें सूची

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अपर जिला कलेक्टर की अदालत ने जारी किया नोटिस, 24 जून को तलब किया

देहरादून। चाय बागान की सीलिंग की जमीन पर अतिक्रमण का मामला अब और तूल पकड़ रहा है। जिला अपर कलक्टर की कोर्ट ने इस मामले में पूर्व भाजपाध्यक्ष व मौजूदा विधायक विशन सिंह चुफाल समेत एक दर्जन लोगों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

इसके अलावा अदालत ने लगभग एक दर्जन अतिक्रमणकारियों को भी नोटिस जारी कर दिये हैं। अदालत ने सभी अतिक्रमणकारियों को 24 जून को अदालत में तलब किया है। अदालत ने साथ ही संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार सदर और नेहरू कालोनी और रायपुर थानाध्यक्ष को आदेश दिये हैं कि विवादित जमीन पर चल रहे सभी निर्माण कार्यों को रोक दिया जाएं।

अपर जिलाधिकारी की अदालत ने भाजपा के वरिष्ठ नेता विशन सिंह चुफाल को नोटिस जारी किया है कि गांव रायपुर स्थित चाय बागान की सीलिंग की जमीन भूमि खाता संख्या 142, नंबर 4305 रकबा 0.8830 हेक्टेयर की खरीद अवैध तरीके से की गयी है। अदालत ने इसके अलावा विनोद कुमार, इला खंडूड़ी, सरोज बिष्ट, मोनिका चौधरी, संजय गुलेरिया, आभा, राजा डोबरा, शांति नेगी, सविता, रमेश भट्ट को भी नोटिस भेजे गये हैं।

उल्लेखनीय है कि 2010 के आसपास भाजपा ने रिंग रोड पर यह जमीन खरीदी थी। बाद में भाजपा कार्यालय का भूमि पूजन भी किया गया था। इस सीलिंग की जमीन को खरीदने में भाजपा नेता अनिल गोयल की भूमिका भी सुर्खियों में रही थी। उस समय चुफाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। कार्यालय के लिए करोड़ों में खरीदी गई विवादित भूमि की रजिस्ट्री चुफाल के नाम ही की गयी थी।

गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने चाय बागान की सीलिंग की जमीन को खुर्द-बुर्द करने का मामला उजागर किया था। एडवोकेट विकेश के अनुसार रायपुर, रायचकपुर, नत्थनपुर और लाडपुर इलाके में चाय बागान की सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त की जा रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर 1975 को आदेश दिया था कि चाय बागान की सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती। यदि ऐसा होता है तो यह जमीन स्वतः सरकार के स्वामित्व की होगी। इसके बावजूद भाजपा ने उक्त जमीन को खरीदा है। अपर जिलाधिकारी ने अब इस संबंध में उन्हें और एक दर्जन अन्य अतिक्रमणकारियों को दस्तावेज समेत 24 जून को अदालत में तलब किया है।