भ्रष्टाचार के मामले में भारत की स्थिति दुनिया के देशों में अभी भी खराब स्थिति में है. अगर बात करें पाकिस्तान और चीन के मुकाबले भारत में करप्शन की तो पेइचिंग में भारत के मुकाबले कम भ्रष्टाचार है जबकि पाकिस्तान आकंठ करप्शन में डूबा है. कोरोना काल के दौरान ट्रांसपरेंसी इंटरनेशन की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. इस सर्वे में न्यूजीलैंड नंबर वन और डेनमार्क नंबर 2 पर है।
ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में 180 देशों के समूह में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 86वें नंबर पर है. रिपोर्ट में यह बात भी निकलकर सामने आई है कि जिन देशों में कम भ्रष्टाचार है वह कोरोना से ज्यादा कारगर तरीके निपटने में सक्षम रहा है. 2019 में करप्शन के मामले में 80वें स्थान पर था।
ट्रांसपरेंसी इंटरनेशल की इस रिपोर्ट में सार्वजनिक क्षेत्र और बिजनेस के जुड़ें लोगों की राय ली गई थी. इसके लिए 0-100 के स्केल पर रैंकिंग की गई. 0 अंक उस देश को मिलना था जहां सबसे ज्यादा करप्शन था वहीं 100 अंक सबसे साफ-सुथरे देश को मिलने थे. भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान की स्थिति बेहद बुरी है. उसे इस रैंकिंग में 124वां स्थान मिला है जबकि महज 31 अंक ही मिले हैं. जहां तक चीन की बात करें को उसकी स्थिति भी भारत से कोई ज्यादा साफ नहीं है वह 180 देशों के समूह में 78वें नंबर पर है. चीन को कुल 42 अंक मिले हैं. भारत के दो और पड़ोसी नेपाल 117वें और बांग्लादेश 146वें नंबर पर हैं. करप्शन के मामले में अमेरिका 67वें नंबर पर है. इस साल अमेरिका की रैंकिंग भी गिरी है।
कोरोना काल में न्यूजीलैंड ने अपने प्रयासों से पूरी दुनिया में जमकर वाहवाही बटोरी थी. यह देश ट्रांसपरेंसी इंटरनेशल की रिपोर्ट में भी 88 अंकों के साथ नंबर एक पर रहा जबकि डेनमार्क को भी 88 अंक ही मिले वह दशमल की गणना के बाद दूसरे नंबर पर रहा. फिनलैंड 85 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर रहा।