लखनऊ। गणितीय माॅडल सूत्र के आधार पर कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के बारे में सटीक भविष्यवाणी कर चुके भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के वैज्ञानिक प्रो मणीन्द्र अग्रवाल ने कोरोना की तीसरी लहर के साल के अंत तक प्रभाव दिखाने की चेतावनी दी है जबकि जनवरी के अंतिम सप्ताह तक कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन शवाब पर होने की संभावना है।
ओमिक्रॉन वायरस से अब तक सर्वाधिक प्रभावित दक्षिण अफ्रीका में पाए गए मामलों में शोध के आधार पर प्रो अग्रवाल ने निकर्ष निकाला है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के रूप में कोरोना की तीसरी लहर दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक तेजी से अपना असर दिखाना शुरू कर देगी जबकि जनवरी के अंतिम सप्ताह और फरवरी के पहले सप्ताह के बीच देश में वायरस के मामले पीक पर होंगे और इस दौरान हर रोज एक से डेढ़ लाख लोग संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि देश में टीकाकरण अभियान के चलते ओमिक्रॉन वेरिएंट दूसरी लहर के डेल्टा वेरिएंट से अधिक घातक नहीं होगा। वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण और बचाव बेहद कारगर साबित हो सकता है। डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन के संक्रमण की दर एक तिहाई हो सकती है।
संक्रमित मरीजों में सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षण होंगे। टीके की दोनों खुराक ले चुके अथवा दूसरी लहर में संक्रमण झेल चुके लोग भी संक्रमण से प्रभावित हो सकते है हालांकि उनमें जान का खतरा न के बराबर होगा। पद्मश्री प्रो अग्रवाल ने कहा कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का अक्षरश: पालन करने और टीके की दोनों खुराक लेने से बीमारी से बचाव में मदद मिल सकती है। बच्चों पर यह वायरस अधिक प्रभाव नहीं डाल सकेगा।