देहरादून। राजधानी दून में मनमाना किराया वसूलने, महिला यात्रियों को सीट ना मिलने और उनकी सुरक्षा प्रबंध जांचने एवं चालक परिचालक के वर्दी ना पहनने की शिकायतों को जांचने के लिए RTO (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी खुद यात्री बन सिटी बस में सफर करने पहुंच गए, इस दौरान उन्होंने अपना टिकट भी कटवाया पर किसी को भनक ना लग पाई। चालक व परिचालक को जब आरटीओ के बारे में पता चला तो उनके हाथ पैर फूल गए। इस दौरान बस में आरक्षित महिला सीट पर पुरुष बैठे हुए थे, जबकि महिला यात्री खड़ी थी। चालक एवं परिचालक वर्दी में भी नहीं थे और बस में टिकट तक नहीं दिया जा रहा था। इस पर आरटीओ ने बस का चालान कर दिया और चालक-परिचालक को चेतावनी भी दी।
कायदे-कानून का कोई खौफ नहीं शहर में कभी भी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर ध्यान नहीं दिया गया। शहर के हर कोने में विक्रमों में क्षमता में ज्यादा सवारी बैठ रहीं हैं। यहां तक कि आरटीओ आफिस के सामने से गुजरने वाले विक्रमों में खुलेआम क्षमता से अधिक सवारी देखी जा सकती है। वहीं सिटी बसों में भी अक्सर दरवाजों पर लटकती हुई सवारियां देखी जा सकती है। कायदे-कानून का इन्हें कोई खौफ नहीं है आटो की बात करें तो मीटर सिस्टम के बावजूद यहां आटो में न मीटर लगे हैं, न चालक प्रति किलोमीटर तय किराये पर ही चलते हैं। प्रीपेड आटो सुविधा आइएसबीटी और रेलवे स्टेशन से शुरू जरूर की गई थी लेकिन उसी तेजी से यह धडाम भी हो गई। सार्वजनिक परिवहन सेवा का हाल जानने जब आरटीओ शैलेश तिवारी राजपुर रोड पर निकले और ब्लाइंड स्कूल के पास राजपुर की तरफ से आ रही सिटी बस UK08_पीए 0323 में चढ़ गये चूंकि आरटीओ कुछ दिनों पहले ही ट्रांसफर हो कर देहरादून आये हैं इसलिए बस चालक और परिचालक उन्हें पहचान नही पाये। बस में क्षमता से अधिक सवारी बैठी हुई थी। लोग खड़े होकर सफर कर रहे थे। चालक परिचालक ने भी वर्दी नही पहनी हुई थी। जिसके बाद उन्होंने बस का चालान करते हुए चालक परिचालक को वर्दी पहनने के साथ ही सभी नियमों का पालन करने की कड़ी चेतावनी दी।