हुक्मरानों द्वारा भू माफियाओं से सांठगांठ कर निगम की जमीनों को खुर्दबुर्द करने का आरोप
देहरादून। नगर निगम की जमीनों को खुर्द बुर्द किये जाने के मामले में अब पार्षदों ने खुलकर हंगामा शुरू कर दिया है। पार्षदों का स्पष्ट कहना है कि निगम के ही लोगों की मिलीभगत से जमीनों को ठिकाने लगाने का खुला खेल चल रहा है। इसी को लेकर पार्षदों ने सोमवार को नगर निगम में धरना शुरू कर दिया। सालवाला के पार्षद भूपेंद्र कठैत की अगवाई में पहुँचे पार्षदों का कहना था कि जब तक निगम प्रशासन जमीनों को बचाने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं करता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। धरने के दौरान पार्षदों की महापौर सुनील उनियाल गामा से नोकझोंक भी हुई।
मसूरी विधानसभा क्षेत्र के एक पार्षद ने बताया कि महापौर गामा ने उनको धमकाते हुए धरने से उठने के लिए कहा। पार्षद के अनुसार मेयर ने धमकी दी कि यदि उन्होंने धरना ख़त्म नहीं किया तो उनके खिलाफ पार्टी से अनुशासन हीनता करने के आरोप में कार्रवाई कराई जाएगी। आपको बता दें कि अभी हाल ही में नगर निगम की डालनवाला थाने से लगी भूमि का टैक्स एक माफिया के नाम पर चढ़ाने का मामला सामने आया था जिसके बाद निगम में हल्ला हुआ तो जांच शुरू हुई। उधर, नगर आयुक्त अभिषेक रोहिल्ला का कहना है कि पार्षदों की शिकायत पर जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की जमीनों को खुर्द बुर्द नहीं होने दिया जाएगा और सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
धरने पर बैठने वालों में पार्षद भूपेंद्र कठैत,मनमोहन धनई, विनोद नेगी, राकेश पंडित, विनय कोहली, चुन्नीलाल, कमल थापा, आलोक कुमार, सत्येंद्रनाथ, उर्मिला थापा, संजय नौटियाल, नंदिनी शर्मा, कपिल धर, कविंद्र सेमवाल, रविंद्र रावत, विमल उनियाल, कमली भट्ट, नीतू वाल्मीकि, नीरज सेठी, सुशील रावत, नीतू वाल्मीकि के साथ ही सहस्त्रधारा रोड के एक ऐसे पार्षद भी शामिल रहे जिनके ग्राम प्रधान एवं पार्षद रहते सरकारी जमीनों पर सैंकड़ों की संख्या में अवैध कब्जे हुए हैं। उक्त पार्षद को सरकारी जमीनें बचाने को धरने पर बैठे देख कई लोग आश्चर्यचकित रह गये। उनका धरने पर बैठना कई लोगों के बीच चर्चाओं का विषय भी बना रहा।