फर्जी दस्तावेजों से संपत्ति पर कब्जा, कांग्रेस नेता समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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अस्तित्व टाइम्स

देहरादून। तमाम प्रयासों के बावजूद जमीन फर्जीवाड़े के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। रोज ही शहर में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रेमनगर थाना क्षेत्र से सामने आया है जहां संपत्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार कर कुछ लोगों ने एक शख्स की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। शिकायत पर प्रेमनगर पुलिस ने छह आरोपितों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज किया है।

ऋषि सेठी ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के पास उनके चार प्लॉट एक ही परिवार के अलग अलग रजिस्ट्री मार्च 2017 से राजस्व अभिलेखों में पूर्ण रुप से दर्ज है। जिसमें वह ऋषि सेठी निवासी पीतमपुरा दिल्ली, विमल त्रिसाल निवासी जिरकपुर पंजाब, रजत डंग निवासी करोल बाग दिल्ली और मोनिका भसीन निवासी जनकपुरी दिल्ली के परिवार शामिल हैं। उनकी जमीन पर अतिक्रमण की जानकारी उन्हें सात सितंबर 2024 को हुई। जब उन्होंने देखा कि किसी ने उनकी जमीन पर टीन शेड लगा दिया है। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी। चौकी प्रभारी ने जमीन पर लगे टीन शेड को हटाकर चारदिवारी करने की बात कही। जिस पर उन्होंने चारदिवारी का काम शुरू करवा दिया। अगली सुबह जब वे अपने प्लॉट पर पहुंचे तो देखा कि उनकी बनाई चारदिवारी किसी ने तोड़ दी है। इसके कुछ समय बाद उन्हें यह चारों प्लाट दिलवाने वाला पुनीत सहगल निवासी प्रेमनगर अपने एक अन्य साथी के साथ आया। आते ही पुनीत ने उन्हें व उनके श्रमिकों को धमकाने लगा। इसके बाद 30 सितम्बर 2024 रात को पुनीत सहगल ने उनके खिलाफ अपने किसी मजदूर के अपहरण की झूठी शिकायत दर्ज करवाई, जो जांच में फर्जी पाई गई।

पुनीत सहगल, अनिकेत कक्कड़ व ललित कक्कड़ ने उनके खिलाफ अपने अधिवक्ता अवतार सिंह द्वारा बिना हस्ताक्षर और दिनांक के केवियर का नोटिस भेजा। कोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया। कोर्ट के स्टे के आदेश के बाद भी पुनीत सहगल, अनिकेत कक्कड़ व उसके साथियों करण सहगल, सुमित खन्ना, जतिन तलवार व ललित कक्कड़ ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए 26 दिसम्बर को उनकी चारदिवारी तोड़ कर भूमि को कब्जाने का प्रयास किया। उन्होंने मौके पर जाकर पुलिस की सहायता से काम को रुकवा दिया। परन्तु पुलिस की अवेहलना करते हुए आरोपितो ने फिर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया। पुनीत सहगल ने एक फर्जी एग्रीमेन्ट बनवाकर थाने में जमा करवा दिया, जिस पर उनके फर्जी हस्ताक्षर पाए गए। पीड़ित की शिकायत पर सभी छह आरोपितों को नामजद कर पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।