देहरादून। बहुचर्चित करोड़ों की जमीनों के रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में शामिल आरोपियों की मौतों का सिलसिला जारी है। फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड केपी सिंह के बाद अब उसके सहयोगी की मौत की सूचना मिली है। पटेलनगर कोतवाली के मुक़दमे में आरोपित चाप सिंह की लाश दिल्ली में रेलवे ट्रैक पर पड़ी मिली। सोशल मीडिया की खबरों के मुताबिक़ लाश देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उसके द्वारा आत्महत्या की गई है।
रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपित केपी सिंह की सहारनपुर जेल में मौत।
मुख्य आरोपी केपी सिंह के खिलाफ वर्ष 2023 में पटेलनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। केपी की गिरफ्तारी के बाद चाप सिंह का नाम भी सामने आया था। क्योंकि केपी ने करोड़ो की संपत्ति व वाहन चाप सिंह के नाम पर की थी। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। चाप सिंह मूल रूप से सोनीपत हरियाणा का रहने वाला था। केपी ने जब जमीनी बेची या खरीदी उसमे भी चाप सिंह गवाह था। शुक्रवार को दून पुलिस को सूचना मिली कि उसकी लाश नरेला के रेलवे ट्रैक पर पड़ी मिली है। बताया जा रहा है कि बेहद कर्जा होने के चलते उसने आत्महत्या की है। इसकी पुष्टि स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने भी की है।
केपी सिंह की भी सहारनपुर जेल में मौत हो चुकी है जबकि रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में शामिल सुखविंदर सिंह की गत आठ सितंबर को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। सुखविंदर के खिलाफ भी रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कई मुकदमे दर्ज थे। केपी सिंह एक मामले में जमानत तुड़वाकर सहारनपुर जेल में बंद हुआ था। उसके खिलाफ यहां देहरादून में भी एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हो रहे थे। इसी बीच उसकी जेल में तबीयत खराब हो गई। कुछ देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब सवाल ये उठता है कि अगर फर्जी रजिस्ट्री मामले से जुड़े आरोपी इसी तरह से गायब होते रहे तो इसमें शामिल बड़े माफियाओं का पता नहीं चल पायेगा।
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