चंडीगढ़ l देश के महान धावक मिल्खा सिंह का शुक्रवार देर रात को 91 साल की उम्र में निधन हो गया। पीटीआई को परिवार के प्रवक्ता ने ये जानकारी दी। मिल्खा के परिवार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मिल्खा सिंह ने रात 11.30 पर आखिरी सांस ली। साल 1958 के कॉमनवेल्थ गेम्स के चैंपियन और 1960 के ओलिंपियन मिल्खा सिंह ने चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए पीजीआईएमईआर अस्पताल ने कहा था कि शुक्रवार शाम को कोविड-19 के बाद उत्पन्न हुई जटिलताओं के कारण उनकी हालत गंभीर हो गयी थी। उनका आक्सीजन स्तर कम होना और उन्हें बुखार आ गया था।
पिछले महीने कोविड-19 से संक्रमित हुए मिल्खा सिंह का परीक्षण बुधवार को नेगेटिव आया था जिसके बाद उन्हें कोविड आईसीयू से सामान्य आईसीयू में भेज दिया गया था और डाक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही थी। गुरूवार की रात उन्हें बुखार आ गया था और उनका आक्सीजन का स्तर गिर गया था। हालांकि इससे पहले उनकी हालत स्थिर थी। उन्हें पिछले महीने कोविड-19 संक्रमण हो गया था। उनकी पत्नी निर्मल कौर का कोविड-19 संक्रमण से जूझते हुए रविवार को मोहाली में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था । उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।