बजट पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव नेगी गुरु जी की प्रतिक्रिया
देश में बढ़ती महंगाई को रोकने में बजट नाकाम : नेगी
स्वास्थ्य बजट को डेढ़ फीसदी और शिक्षा बजट को महज दो फीसदी रखा: नेगी
विपक्षी राज्यों की सरकार को बजट में दरकिनार किया गया : नेगी
देहरादून। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव महेन्द्र सिंह ‘नेगी गुरु जी’ ने केंद्रीय बजट को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये मोदी सरकार का विदाई बजट है। इस बजट में जनता की आकांक्षाओं का कोई भी ध्यान नहीं रखा गया। लोगों ने सोचा था कि मोदी सरकार अपने दस साल के कार्यकाल का हिसाब किताब भी इस बजट में देगी। युवाओं को 2 करोड़ सालाना की दर से 20 करोड़ रोजगारों का इंतजार था। सर्वाधिक बेरोजगारी में भारत का विश्व में छठवें स्थान पर पहुंच गया है जोकि शर्मनाक है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट 2023 में 125 देशों में भारत 111वें स्थान पर पड़ोसी देश बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी निचले पायदान पर है।
उन्होंने कहा कि अपने दोस्तों के 12 लाख करोड़ रुपए से अधिक माफ कर देने वाली सरकार से किसानों को भी अपने कर्ज माफ करने की उम्मीद थी। वहीं करदाताओं के लिए भी कोई खास प्रावधान नहीं किया गया। भविष्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में भी कोई प्रावधान नहीं किया गया। इसके साथ महिला आरक्षण को लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी लागू करवाने के लिए भी कोई खास प्रावधान नहीं है। इससे साबित होता है कि मोदी सरकार जनता से पूरी तरह से कट चुकी है।
उन्होंने कहा की इस बजट में देश के बेरोजगार युवाओं के लिए, महिलाओं के लिए, किसानों के लिए और किसी भी वर्ग के लिए कोई प्रावधान नजर नहीं आता है। स्वास्थ्य बजट को डेढ़ फीसदी और शिक्षा बजट को कुल बजट का केवल 2 फीसदी रखा गया है। इसमें भविष्य के लिए कोई योजना नहीं है। इससे साबित होता है मोदी सरकार को न शिक्षा से मतलब है और न ही देश की जनता के स्वास्थ्य से कोई मतलब है।
उन्होंने कहा की मोदी सरकार ने 18 लाख करोड़ घाटे का बजट पेश किया है। मोदी सरकार ने जानबूझकर और खराब अर्थव्यवस्था की पोल खुलने के डर से अंतरिम सर्वे भी पेश नहीं किया। ताकि देश की जनता को सच्चाई पता न चल सकें। वर्ष 2023 में स्टार्टअप से 15 फीसदी से ज्यादा नौकरियां खत्म हुई हैं। इससे युवा वापस खेतीबाड़ी की तरफ लौट रहे हैं। लेकिन फिर भी वित्त मंत्री ने युवाओं के रोजगार के लिए कोई प्रावधान नहीं किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों को भी खुले तौर पर दरकिनार किया गया है।